बसंत पंचमी को है मां सरस्वती का जन्मदिवस, इस चमत्कारिक मंत्र से मंद बुद्धि भी बनते हैं कुशाग्र
हिंदू धर्मशास्त्रों में बसंत पंचमी तिथि को ज्ञान की देवी मां सरस्वती के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। बसंत पंचमी को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। इस तिथि से पतझड़ खत्म हो जाता है और कड़कड़ाती ठंड के बाद मौसम सुहावना होने लग जाता है। चारो तरफ हरियाली, पेड़-पौधों पर फूल, नई पत्तियां और कलियां खिलने लग जाती हैं।
इस साल बसंत पंचमी दो दिन पड़ रही है। बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त 12 बजकर 26 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक है। बसंत पंचमी की तिथि 10 फरवरी 2019 को दोपहर 2 बजकर 8 मिनट पर समाप्त हो रही है।
बसंत पंचमी तिथि को वीणावादिनी, मंद-मंद मुस्कुराती हंस पर विराजमान मां सरस्वती मानव की अज्ञानता को जड़ से मिटाती हैं। शिक्षकों तथा विद्यार्थियों के लिए यह तिथि बहुत महत्वपूर्ण होती है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने का विशेष महत्व है। पीले वस्त्र पहनकर इस चमत्कारिक मंत्र से मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने से मंद बुद्धि भी कुशाग्र बन जाते हैं।
मां सरस्वती-गायत्री मंत्र : ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्। नित्य कर्म करने के बाद इस मंत्र का जाप करने से साधक को ज्ञान-विद्या की प्राप्ति होती रहती है।
मां सरस्वती के चमत्कारिक मंत्र : ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नम:।
वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि।
मंगलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणी विनायकौ।।
- अर्थात अक्षर, शब्द, अर्थ और छंद का ज्ञान देने वाली भगवती सरस्वती तथा मंगलकर्ता विनायक की मैं वंदना करता हूं। -श्रीरामचरितमानस