देश में जारी कोरोना वायरस संकट के बीच अब प्लाज्मा थेरेपी पर रोक लगा दी गई है। आईएमआर और एम्स ने कोविड मरीजों के इलाज के लिए अब नई गाइडलाइन जारी कर दी है। प्लाज्मा थेरेपी को पिछले साल शुरू किया गया था और इस साल अप्रैल में दूसरी लहार के दौरान इसकी मांग काफी बढ़ गई। लेकिन एक्सपर्ट्स काफी समय से इसके असरदार ना होने की बात कहते आए हैं।

आईसीएमआर ने प्लाज्मा थेरेपी को हटाने के लिए जानकारी दी है और कहा कि, ''कोविड-19 मरीजों के ट्रीटमेंट के लिए प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग को प्रबंधन दिशा-निर्देश से हटा दिया गया है।'' अब जारी की गई नई गाइडलाइंस में कोविड मरीजों के इलाज को तीन भागों में बांटा गया है। इसके दौरान हल्के लक्षण वाले मरीज, मध्यम लक्षण वाले और गंभीर लक्षण वाले मरीज शामिल हैं। जिन्हे हल्के लक्षण है उन्हें घर में ही आइसोलेशन में रखने की बात कही गई है। जबकि मध्यम और गंभीर संक्रमण वाले मरीजों को क्रमश: कोविड वॉर्ड में भर्ती और आईसीयू में भर्ती करने के लिए कहा गया है।

देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना मामलों में गिरावट आई है। एक दिन में अब 2,81,386 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,49,65,463 हो गई है। संक्रमण से 4,106 लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 2,74,390 हो गई है। देश में अभी 35,16,997 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 14.09 प्रतिशत है।


पहले भी कई बार इस बात को लेकर विचार किया गया है कि कोविड-19 के वयस्क मरीजों के उपचार प्रबंधन संबंधी चिकित्सीय दिशा-निर्देशों से प्लाज्मा पद्धति के इस्तेमाल को हटाया जाना चाहिए क्योंकि यह प्रभावी नहीं है और कई मामलों में इसका गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया है।

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