दोस्तों, आपको बता दें कि 21 नवंबर, दिन बुधवार को बैकुंठ चतुर्दशी है। मान्यता है कि आज ही के दिन भगवान श्रीहरि ने एक हजार स्वर्ण कमल पुष्पों से विश्वनाथ के पूजन का संकल्प किया था। श्रीहरि की परीक्षा लेने के लिए महादेव ने एक कमल पुष्प कम कर दिया। फिर क्या था श्रीहरि ने एक कमल पुष्प की कमी देखकर अपनी आंख चढ़ाने को प्रस्तुत किया। विष्णु की इस भक्ति से प्रसन्न होकर विश्वनाथ ने उन्हें सर्वश्रेष्ट भक्त का वर दिया। तभी से कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी की तिथि बैकुंठ चतुर्दशी कहलाती है।

मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक भगवान शिव और विष्णु की पूजा करने से जातक को बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। बेहतर नौकरी व करियर के लिए आज के दिन नतमस्तक होकर भगवान विष्णु को प्रणाम करना चाहिए।

पूजा विधि
पूजा गृह में महादेव व विष्णु का चित्र स्थापित करके विधिवत पूजन करें। हरे कपड़े पर कांसे के लोटे में जल, सिक्के, दूध, दूर्वा, सुपारी व पीपल के पत्ते पर नारियल रखकर कलश की स्थापना करें। कांसे के दीए में गाय के घी का दीपक जलाएं।

चंदन की धूप करें तथा भगवान विष्णु पर गोलोचन तथा महादेव पर चंदन से तिलक करें। साथ में कमल पुष्प अर्पित करें। इन दोनों देवों को मखाने की खीर का भोग लगाएं। इतना ही नहीं इत्र, दही, जल तथा शक्कर से अभिषेक करें। पूजा-अर्चना करने के बाद भोग गौ माता को खिला दें।

करें यह भी उपाय

लव लाइफ में कामयाबी के लिए- कच्चे सूत को केसर से रंगकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।

सुखी दांपत्य जीवन के लिए- शिवलिंग पर चढ़ा शहद किसी सन्यासी को दान करें।

एजुकेशन में सफलता के लिए- हाथ में हरा पेन लेकर ॐ नमः शिवाय का जाप करें।

प्रोफेशनल सक्सेस के लिए- भगवान शिव पर कमल पुष्प चढ़ाएं।

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