आप सभी ने आज तक कई बॉडी बिल्डरों को देखा और सुना होगा, हालांकि आज हम आपको उनके बारे में बताने जा रहे हैं जो बुजुर्ग बॉडीबिल्डर थे और उनका नाम मनोहर ऐच था। कहा जाता है कि मनोहर आइच ने एशियाई खेलों में तीन और स्वर्ण पदक जीते और वह मिस्टर यूनिवर्स का खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय थे। इतना ही नहीं वह बहुत सादा खाना खाते थे लेकिन उन्होंने अपनी बॉडी इस तरह से बनाई थी कि अच्छे पहलवान उनके सामने फेल हो जाते थे।

मनोहर आइच का जन्म 17 मार्च 1913 को कोमिला जिले के पुटिया गांव में हुआ था, जो उस समय ब्रिटिश भारत का हिस्सा था और अब बांग्लादेश में है। दूसरी ओर, मनोहर ऐच ने दिग्गज जादूगर पीसी सरकार के साथ स्टंटमैन के रूप में अपना करियर शुरू किया। कहा जाता है कि उसने अपने दाँतों से लोहे की छड़ों को मोड़ा था और अपने हाथों से 1000 पन्नों की किताब को फाड़ दिया था। इतना ही नहीं वो 'पॉकेट हरक्यूलिस' के नाम से मशहूर थे। जी हां, बॉडीबिल्डिंग की बात करें तो मनोहर आइच ने 39 साल की उम्र में बॉडीबिल्डिंग की शुरुआत की और उसके बाद मिस्टर यूनिवर्स प्रतियोगिता जीती।

उसके बाद साल 1951 में मिस्टर यूनिवर्स प्रतियोगिता में वे दूसरे स्थान पर रहे, लेकिन 1952 में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए मिस्टर यूनिवर्स का खिताब अपने नाम किया। मनोहर आइच ने 2003 में अपनी आखिरी बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता खेली थी और उस समय उनकी उम्र 90 साल थी। कहा जाता है कि मनोहर ऐच 1942 में वायु सेना में शामिल हुए थे, हालांकि उन्हें एक ब्रिटिश अधिकारी को थप्पड़ मारने के लिए जेल भेजा गया था। वहीं, जेल में रहते हुए मनोहर आइच 12 घंटे वेट ट्रेनिंग करते थे, इसके लिए ब्रिटिश अधिकारियों ने उनके लिए खास डाइट का इंतजाम किया था. हां और उनके अच्छे व्यवहार के चलते एक-दो साल बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। जेल में अपनी बनाई काया से उन्होंने 1950 में मिस्टर हरक्यूलिस प्रतियोगिता जीती थी।

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