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मकर संक्रांति हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस दिन सुबह उठकर स्नान के बाद ही अन्न ग्रहण किया जाता है। साथ ही स्नान और दान दोनों का ही बड़ा महत्व है। लेकिन बहुत से लोगों को अपने घरों से दूर रहना पड़ता है, जिसकी वजह से उनके जीवन में त्योहारों का रंग भी फीका पड़ जाता है। हालांकि, हम आपको बताएंगे कि आप कैसे घर से दूर होने के बाद भी मकर संक्रांति की पूजा कर सकते हैं।

मकर संक्रांति के दिन मुख्य रूप से सूर्य देव की पूजा की जाती है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और सूर्यदेव का पूजन कर खिचड़ी या दही चूरा का सेवन करते हैं। देश के विभिन्न राज्यों में इस त्यौहार को अलग-अलग नामों और तरीकों से मनाया जाता है, और पतंग उड़ाने का भी रिवाज है।

लेकिन परिवार से दूर रहने वाले लोगों के लिए त्योहारों का मजा खराब हो जाता है। लेकिन जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यह भी जरूरी है। तो ऐसे में क्या करें, और मकर संक्रांति कैसे मनाएं? आज हम आपको बताएंगे कि आप घर से दूर होने के बाद भी पूरे रीति-रिवाजों के अनुसार कैसे मकर संक्रांति का त्योहार मना सकते हैं।

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ऐसे करें स्नान:
मकर संक्रांति पर स्नान का विशेष महत्व है। बिना स्नान किए इस दिन भोजन भी ग्रहण नहीं किया जाता। इस दिन वैसे तो लोग पवित्र नदियों में जाकर स्नान करते हैं लेकिन यदि आप अपने घर से दूर हैं तो आप रोजमर्रा की तरह सामान्य रूप से स्नान कर लें, हो सके तो पानी में भी थोड़ा सा गंगाजल मिक्स कर सकते हैं। यदि गंगाजल नहीं है तो भी कोई परेशानी नहीं है।

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ऐसे करें सूर्यदेव का पूजन:
घर से दूर रहने वाले लोग स्नान के बाद लोटे में जल लेकर सूर्य देव को अर्पण कर पूजन करें और अपने रीति-रिवाजों के अनुसार, खिचड़ी, तिल, गुड़, घी, इत्यादि का दान करें। ऐसा माना जाता है कि इस दिन दान करने से व्यक्ति के जीवन में धनधान्य की वृद्धि होती है और समाज में मान-सम्मान बढ़ता है, साथ ही समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

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