आयुर्वेद में अर्जुन की छाल का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है। अर्जुन का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर है। इसलिए इसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। अर्जुन की छल शरीर की कई बीमारियों को दूर करने में मददगार है. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इसे कैसे खाना है और इसके क्या फायदे हैं।

अर्जुन की छाल खाने के तरीके-

भोजन करने से पहले अर्जुन की छाल के चूर्ण को पानी में मिलाकर दिन में 1 या 2 बार ले सकते हैं। इसे 50 बजे खुले में पिया जा सकता है।

- आप अर्जुन की छाल के पाउडर को दूध में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।

- अर्जुन की छाल से बने कैप्सूल बाजार में आसानी से मिल जाते हैं। ऐसे में इनका इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

- 2 कप पानी में 1 चम्मच अर्जुन की छाल का पाउडर डालकर उबाल लें और जब पानी आधा उबल जाए तो इसे छानकर गर्मागर्म पी सकते हैं.

दिल के लिए फायदेमंद- दिल से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए अर्जुन की छाल का सेवन फायदेमंद हो सकता है। जी हां, दरअसल अर्जुन की छाल हर तरह के हृदय संबंधी रोगों में लाभकारी होती है। यदि आपकी धड़कन अनियमित है तो अर्जुन की छाल के सेवन से काफी फायदा हो सकता है। दिल की सूजन को दूर करने में भी मदद करता है। अर्जुन की छाल का सेवन हृदय को मजबूत बनाने के लिए भी किया जाता है।

स्ट्रोक का खतरा कम करता है- अर्जुन की छाल का सेवन स्ट्रोक के खतरे को कम करता है। जंगली प्याज और अर्जुन की छाल को बराबर मात्रा में लेकर 1 चम्मच दूध में मिलाकर रोजाना सेवन करने से हृदय संबंधी रोगों में आराम मिलता है और हृदय की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। जी हां और हार्ट ब्लॉकेज की स्थिति में भी इससे फायदा होता है।

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