क्या प्लाज्मा डोनेशन से कुछ असर हो रहा हैं COVID-19 के मरीज़ों पर?
प्लाज्मा थेरेपी एक ट्रीटमेंट है जिसमें रिकवर्ड कोरोनोवायरस रोगी का खून लिया जाता है ताकि संक्रमित व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी विकसित की जा सके. प्लाज्मा वे तरल हिस्सा है जिसे खून से हटा दिया जाता है और बाकी बचे व्हाइट ब्लड सेल्स, रेड ब्लड सेल्स, प्लेटलेट्स और दूसरे सेल्यूलर कंपोनेंट्स को भी हटा दिया जाता है.
जो लोग 18 वर्ष से अधिक आयु के हैं और उनका न्यूनतम वजन 50 किलो होना चाहिए, वो प्लाज्मा दान कर सकते हैं.
शरीर में एंटीबॉडी को ट्रांसफर करने में मदद करता है. एंटीबॉडी संक्रमित व्यक्ति के शरीर में डेडली पैथोजेन से लड़ने में मदद करते हैं.