पाकिस्तान के इस जगह पर है प्राचीन शिव मंदिर
हमारे देश को देवो जन्म स्थान कहा जाता है। देश में एक या दो नहीं हजारों से भी ज़्यादा मंदिर ऐसे है जो अपने अलग पहचान के लिए जाने जाते है। वही ये बहुत काम लोग जानते है कि पाकिस्तान में भी एक नहीं कई हिन्दू मंदिर है जो आज भी खुलें है जहां आज भी कई लोग दर्शन के लिए जाते है। इसमें से एक प्राचीन समय से शिव जी का मंदिर है। ये भगवान शिव का मंदिर है। इसे कटसराज मंदिर के नाम से जाना जाता है। ये मंदिर पाकिस्तान के चकवाल गांव से करीब 40 कि.मी. की दूरी पर कटस नामक गाँव की पहाड़ी पर बना हुआ है। ये यहां रह रहे हिन्दुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है।
क्या है इस मंदिर की कहानी -
कहा जाता है कि माता सती ने जब यज्ञ कुंड में जब आत्मदाह किया था, तब भगवान शिव ने अपनी सुध-बुध खो दी थी।
माता सती के वियोग में शिव कटसराज मंदिर का कटाक्ष कुंड और अजमेर के पुष्कर तीर्थ में उनके आंसू गिरे थे। उन आसुओं से ही ये दोनों कुंड बने है। ये कटाक्ष कुंड और उस जगह बना शिव मंदिर विभाजन के बाद पाकिस्तान में है। इसके साथ यह भी कहा जाता है कि जब देवी सती की मृत्यु हो गई, तब भगवान शिव उन के दुःख में इतना रोए की उनके आंसुओं से दो कुंड बन गए थे।
खास बात यह है कि इस मंदिर में आज भी आस्था के साथ श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। यहां हिन्दुओं के साथ कई बार मुस्लिम समुदाय के लोग भी मंदिर में दर्शन के लिए आते है।