अमरनाथ यात्रा पर कोरोना संक्रमण के चलते दो साल के लिए रोक लगा दी गई है। इस साल यह यात्रा 30 जून से शुरू होने जा रही है। इस साल अधिक भीड़ हो। अमरनाथ जाने के लिए सबसे पहले रजिस्ट्रेशन कराना होता है। प्रतिदिन 20 हजार पंजीयन ही होंगे। 11 अप्रैल से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा। जिसके साथ ही प्रत्येक यात्री से 100 रुपए रजिस्ट्रेशन शुल्क लिया जाएगा। अमरनाथ यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक या यस बैंक की किसी भी नजदीकी शाखा में जाकर किया जा सकता है।

आवेदक को अपना आधार कार्ड, 4 पासपोर्ट साइज फोटो और सरकारी अस्पताल से बना स्वास्थ्य प्रमाण पत्र देना होगा। वहीं दूसरी ओर पंजीकरण शुल्क का भुगतान करने के बाद पंजीकरण किया जाता है और यात्रा की तारीख उपलब्ध स्लॉट के अनुसार मिलती है। इसका विवरण बैंक से प्राप्त रसीद पर है। स्वास्थ्य और उम्र को ध्यान में रखते हुए कुछ मापदंड तय किए गए हैं, जिनके आधार पर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। 6 हफ्ते से ऊपर की गर्भवती महिलाएं, 13 साल से कम उम्र के बच्चे और 75 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग अमरनाथ यात्रा के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, अमरनाथ यात्रा के दौरान कई संगठन फ्री में लंगर की व्यवस्था करते हैं. आप अपनी जरूरत की चीजें जैसे नाश्ता, साबुन आदि सरकारी दुकानों या चाय की दुकान और रेस्टोरेंट से भी खरीद सकते हैं। इस साल तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए श्राइन बोर्ड रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन का इस्तेमाल वाहनों और यात्रियों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए करेगा। सभी तीर्थयात्रियों को आरएफआईडी टैग कार्ड जारी किए जाएंगे।

अंत में यह भी जान लें कि अमरनाथ में ठहरने के लिए बहुत ही सस्ते धर्मशालाएं और मुफ्त भोजन की व्यवस्था है। यदि आप स्लीपर ट्रेन से जाते हैं और बिना किसी लग्जरी सुविधाओं के अमरनाथ की यात्रा करते हैं, तो देश के किसी भी कोने से एक व्यक्ति की कीमत लगभग 5000 रुपये आती है।

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