जब किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसकी बॉडी इस बदलाव को कैसे स्वीकार करती है और प्राण निकलने के बाद शरीर में क्या क्या होता है इसी बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

मौत का 'दिल' पर क्या असर?
मौत के बाद किसी इंसान का दिल काम करना बंद कर देता है। ऐसे में खून की पंपिंग भी बंद हो जाती है। फिर दिल में खून भरने लगता है। नसों और धमनियों में खून ही खून भर जाता है।

शरीर बदलता है अपना रंग
रक्त का प्रवाह बंद होने पर शरीर दो रंगों में नजर आने लगता है। शरीर का निचला हिस्सा पीले या सफेद रंग का होने लगता है, जबकि शरीर के ऊपरी हिस्से में जहां खून जमता है, वो लाल या नीले रंग का दिखने लगता है।

अकड़ जाता है शरीर
मौत से कुछ घंटे बाद शरीर का हर अंग जकड़ने लगता है। ऐसा adenosine triphosphate का स्तर तेज़ी से गिरने की वजह से होता है।

मांसपेशियां कुछ घंटे बाद तक रहती है जिंदा
इंसान की मौत के कुछ घंटे बाद तक उसकी मांसपेशियां ज़िंदा रहती हैं। इनमे थोड़ी हरकत देखी जा सकती है। यही वजह है कि कई बार मौत कुछ घंटे बाद भी लगता है कि इंसान का शरीर हिल-डुल रहा है।

चेहरे की झुर्रियां हो जाती हैं गायब
मरने के बाद चेहरे की झुर्रियां भी खत्म होने लगती है। धीरे धीरे ये बिलकुल खत्म हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मांसपेशियों मृत हो जाती हैं और झुर्रियां या झाइयां बनाने लायक नहीं बचतीं.

शरीर से आती है दुर्गंध
शव से आने वाली दुर्गंध बहुत ही बेचैन करने वाली होती है। मृत हो रही सेल्स से अजीब सी दुर्गंध निकलने लगती है। इनसे एक एंजाइम निकलता है, जिसमें बैक्टीरिया और फंगस भी पैदा होने लगते हैं।

शरीर में पैदा होती हैं आवाज़ें
शरीर से कई तरह की आवाजें निकलती है और कई बार डकार और फार्ट के तौर पर भी सामने आती हैं।

आंखें बाहर आ जाती हैं
शरीर से प्राण निकलने के बाद डीकंपोज़िशन की प्रक्रिया में आंखों की बॉल्स बाहर निकलकर लटकने लगती हैं। इसके अलावा जीभ में भी सूजन आ जाती है।

.आखिर में हड्डियां छोड़ती हैं साथ
शरीर के डीकंपोज़िशन में सबसे लास्ट होती है हमारे शरीर की हड्डियां। इंसान के मरने के 10-20 साल बाद शरीर की हड्डियां गलना शुरू होती हैं।

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