महात्मा गांधी को तो हम सभी जानते हैं. महात्मा गांधी ने अपना संपूर्ण जीवन भारत देश को हिंसा के खिलाफ़ जाकरआजादी दिलाने में लगा दिया.

आपने गांधी जी को राष्‍ट्रपिता के रूप में तो जाना ही होगा लेकिन आज हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं. साथ ही ये भी बताते हैंकि आखिर हमारे देश के नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर को क्यों छापा गया.

गांधी जी का जन्म सन् 1989 में 2 अक्टूबर को हुआ था. जिसे हम आज के दिन गांधी जयंती के रूप में मनाते हैं.


गांधी जी की पैदाइश गुजरात के पोरबंदर शहर की है जो कि समुद्र तट के किनारे बसा हुआ है ये शहर दुनियाभर में केवल महात्मा गांधी जी के जन्म स्थान के रूप में जाना जाता है.


महात्मा गांधी को देश में लोग प्यार से बापू भी कहा करते हैं. बापू ने अपनी पढाई लंदन में पूरी की थी जहां उन्होंने अहिंसा के साथ वकालत करने की ट्रेनिंग ली थी. इसके बाद बापू ने कई साल अफ्रीका में एक वकील के तौर पर काटे और वहां के लोगों की भी मदद की.

बापू ने भारतीय लोगों के साथ मिलकर सन् 1930 में अंग्रेजों के नमक पर टैक्स के खिलाफ़ 430 कि.मी का ढांडी मार्च निकाला था और इसी के चलते उन्होंने सन् 1942 में अंग्रेजों को भारत छोड़ने को भी कहा था.

महात्मा गांधी को देश को आजादी दिलाने के लिए कई बार जेल भी जाना पड़ा था. उन्होंने अपनी जिंदगी के ज्यादातर साल अफ्रीका और इंडिया की जेल में काटे थे. बापू धर्म से हिंदू थे लेकिन हर धर्म को एक समान मानते थे.

उन्हें अपनी जीवन भले ही कितनी ही मुश्किलों का सामना करना पड़ा हो लेकिन उन्होंने कभी भी हिंसा का सहारा नहीं लिया. गांधी जी का हमेशा से मानना था कि जो कार्य हिंसा के बगैर हो सकता है तो उसके लिए तोड़-फोड़या खून खराबा क्यों किया जाए? और अपने इन्हीं उसूलों के ज़रिए सन 1947 में भारत को आजादी भी दिलाई और तभी से महात्मा मोहनदास करमचंद गांधी को देश का पिता माना जाने लगा.

नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर

इसके कई साल बाद सन् 1987 में नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर को एक वॉटरमार्क के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा और सन् 1996 में गांधी जी की उसी तस्वीर को भारत के नए नोटों पर छापा जाने लगा.

नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर छापने का कारण ये था कि उस समय वो दुनिया भर में राष्ट्र का चेहरा बन चुके थे और उन्‍हें लगभग सारी दुनिया जानने लगी थी. इसी कारण उनकी तस्वीर को नोटों पर छापा गया.

नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर केवल इसी एक वजह के कारण नहीं छपी थी बल्कि देश को आजादी दिलाने वाले अन्य सेनानियों के नाम पर विवाद होने के कारण भी गांधी जी की तस्वीर को देश के नोटों पर छापे जाने का निर्णय लिया और आपको बता दें कि रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने गांधी जी की तस्वीर के स्थान पर किसी अन्य राष्ट्रीय नेता की तस्वीर ना छापने का फैसला लिया था क्योंकि महात्मा गांधी जी जैसा कोई व्यक्ति देश के स्वभाव का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है.

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