महाभारत से जुड़े ऐसे कई रहस्य हैं, जिनके बारे में में हम नहीं जानते है, ऐसे ही एक रहस्य के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। महाभारत के कथा अनुसार ऐसा माना जाता है कि पांडवों ने अपने पिता की मृत्यु के बाद उनकी लाश का मांस खाया था। लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों किया, इसी बारे में हम आपको बताएंगे।


ये बताया जाता है कि पांडवों के पिता पांडु को किसी ऋषि ने श्राप दिया था कि अगर वो किसी भी स्त्री से शारीरिक संबंध बनाएगा तो उसकी मृत्यु हो जाएगी। इसलिए उन्होंने अपनी पत्नी कुंती और माद्री से शारीरिक संबंध नहीं बनाए थे, लेकिन कुंती को ऋषि दुर्वासा ने वरदान दिया था कि वो किसी भी देवता का आह्वान करके उनसे संतान प्राप्ति का वरदान मांग सकती हैं।


पांडु के कहने पर कुंती ने एक-एक कर कई देवताओं का आह्वान किया। माद्री ने भी देवताओं का आह्वान किया और इसी तरह कुंती को तीन पुत्र युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन मिले और माद्री को दो पुत्र नकुल और सहदेव मिले। लेकिन पाण्डु एक बार खुद पर नियंत्रण नहीं रख सके और उन्होंने माद्री से शारीरिक संबंध बना लिए। ऐसे में ऋषि के शाप के अनुसार महाराज पांडु की मृत्यु हो गई।

उनकी मौत के बाद उनके मृत शरीर का मांस पाँचों भाइयों ने मिल-बांट कर खाया था। वे असल में पांडु के पुत्र नहीं थे इसलिए पांडु का ज्ञान और कौशल उनके बच्चों में नहीं आ पाया था। इसलिए उन्होंने अपनी मर्त्यु से पहले ये वरदान माँगा था कि उनके पुत्र उनके मांस को खाए जिस से उनका ज्ञान अपने पुत्रों में आ सके।

Related News