आज हम आपको भविष्यपुराण में छुपी कुछ ऐसी बातों से रूबरू करवाएंगे, जिनके बारे में जान कर आपके होश ही उड़ जायेंगे. दरअसल भविष्य पुराण के अनुसार एक समय वो भी था जब हिंदुस्तान की सीमा हिंद्कुश पर्वत तक ही सीमित थी. इसका मतलब ये है कि तब सनातन का आखिरी शिव मंदिर हिंद्कुश पर्वत पर ही स्थित था. आपको जान कर हैरानी होगी कि इसके आगे की जगह को वास्तव में नर्क या जहन्नुम का नाम दिया जाता था. इसके इलावा इतिहास की कई किताबो में यह बताया गया है कि हिंद्कुश पर्वत के पार काला पानी की सजा मिलती है. यानि इस पर्वत के पार जा कर जीवन जीना मुश्किल है.

गौरतलब है कि इस रेगिस्तान में जीवन जीना काफी मुश्किल था. यहाँ तक कि जो लोग वहां रहते थे, वह भी इंसान नहीं थे. ऐसे में भगवान् शिव ने खुद इस बात की घोषणा की थी कि कोई भी इस मंदिर को पार करके आगे नहीं जाएगा. बरहलाल जब कोई भी भक्त यहाँ आता था, तब वह मंदिर के दर्शन करके वही से लौट जाता था. बस इसी दौरान शिव जी ने एक भविष्यवाणी की थी. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भविष्य पुराण और इतिहास की किताबो के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि यहाँ पर कई हमलो के दौरान करीब पंद्रह लाख हिन्दुओ का सामूहिक नरसंहार किया गया था. यही वजह है कि यहाँ की पर्वत श्रेणी को हिंद्कुश का नाम दिया गया है. वास्तव में इसका अर्थ हिन्दुओ का वध है.

जी हां बता दे कि इसका यह इसलिए रखा गया ताकि आने वाली पीढ़ी हिन्दुओ के बलिदान और उनकी दास्ताँ को याद रख सके. दरअसल ईसा से पहले वाली शताब्दी में दो मुख्य हिन्दू साम्राज्य हुआ करते थे. जिनका विस्तार वर्तमान हिंद्कुश के इस पार तक ही था. बरहलाल ऐसा कहा जाता है कि एक बार कुछ लोग हिंद्कुश पर्वत पर शिव जी के दर्शन करने के लिए गए थे. ऐसे में भगवान् शिव ने उनसे कहा था कि आप सब अभी यहाँ से लौट जाईये. इसके बाद शिव जी ने कहा कि अब वह भी इस जगह को हमेशा हमेशा के लिए छोड़ कर जा रहे है.

इसके बाद शिव जी ने कहा कि जाओ और सब को यह बात बता दो कि अब यहाँ किसी को नहीं आना है, क्यूकि यहाँ बहुत जल्दी प्रलय की शुरुआत होने वाली है. हालांकि शिव भक्तो ने शिव जी की बात नहीं मानी. जिसके कारण पंद्रह लाख हिन्दू हत्याकांड की भेंट चढ़ गए. इसके इलावा भविष्य पुराण के अनुसार ऐसा भी माना जाता है कि भारत की तबाही भी प्राकृतिक प्रलय के कारण ही होगी. वैसे भी भारत में अब पहले से कही ज्यादा प्राकृतिक परेशानियां आने लगी है. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि जो बातें भविष्य पुराण में कही गई है, वो एकदम सही है.

इसके इलावा यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि जब भी बद्रीनाथ और केदारनाथ के कपाट खुलते है, तब वहां जमीन हिल रही होती है. जिसके कारण भारी तबाही होती है. बता दे कि पिछले चार पांच सालो से ऐसा ही हो रहा है. इसका मतलब ये है कि अब भगवान् इस जगह को छोड़ने की तैयारी कर रहे है. मगर फ़िलहाल भगवान् के संकेत को कोई समझ नहीं पा रहा है. गौरतलब है कि आज के समय में लोग धर्म के नाम पर धर्म को ही लूट रहे है और इसी वजह से भगवान् का नाराज होना लाजिमी है.

यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो अब भारत की तबाही की भविष्यवाणी सच होती नजर आ रही है. बरहलाल हम तो यही कहेंगे कि पैसे के पीछे इतना मत भागो कि धर्म को ही भूल जाओ.

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