आज भारत में आधार ही नागरिकों की मुख्य पहचान है. किसी भी तरह का वेरीफिकेशन हो या कोई सरकारी काम, बिना आधार के कुछ भी संभव नहीं है. ये आधार इतना उपयोगी है कि सरकार द्वारा हर नागरिक को आधार कार्ड बनवाने की सलाह दी जाती है. यहां तक कि बच्चों के लिए भी आधार कार्ड की सुविधा अब उपलब्ध है. इस बारे में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने जानकारी दी कि अब बाल आधार बनवाने के लिए प्रक्रिया को काफी आसान कर दिया गया है. बच्चों के लिए बाल आधार बनवाने के लिए आपको किसी कड़ी कानूनी प्रक्रिया से होकर नहीं गुजरना है. बल्कि इसके लिए आपको केवल बच्चे के जन्म प्रमाण-पत्र या अस्पताल से प्राप्त डिस्चार्ज स्लिप के साथ माता या पिता में से किसी एक का आधार कार्ड जमा करना होगा. इससे साफ है कि अगर आप पैदा होते ही बच्चे का आधार बनवाना चाहते हैं, बच्चे की पहचान को पंजीकृत करवाना चाहते हैं. तो आप केवल अस्पताल के डिस्चार्ज स्लिप जमा करके प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं.

क्या है बाल आधार?
भारत सरकार ने पांच साल से कम आयु के बच्चों के लिए एक अलग नीले रंग के आधार कार्ड को पेश किया है, जिसे हम बाल आधार के नाम से जानते हैं. साथ ही इस नए नियम के अनुसार, पांच साल से कम आयु के बच्चों के लिए किसी तरह के बायोमैट्रिक विवरण को देने की जरूरत भी नहीं होगी. हालांकि, बच्चे के पांच साल की आयु के होने के साथ ही बायोमैट्रिक अपडेट कराना जरूरी हो जाता है. उसके बाद बायोमेट्रिक को टाला नहीं जाना चाहिए.

ट्वीटर पर UIDAI ने साझा की जानकारी
UIDAI ने कहा, ''पांच साल से कम आयु के बच्चों के आधार पंजीकरण के समय फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन नहीं किए जाते हैं. केवल एक फोटो काफी होता है. बच्चे के पांच साल की आयु के होने के बाद बायोमैट्रिक अपडेट आवश्यक तौर पर कराना होता है.'' इसके लिए भी आगे कुछ आसान प्रक्रियाओं से होकर गुजरना होगा. जिससे आप अपने बच्चे का बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन करा सकते हैं.

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