आज भी जीवित हैं रामायण और महाभारत काल के 7 दिव्य महापुरुष, मिला है अमरता का वरदान
ये बात हम सभी जानते हैं कि जिसने इस दुनिया में जन्म लिया है उसका मरना भी तय है और इस सच्चाई को कोई नहीं बदल सकता है लेकिन आज हम आपको महाभारत के ऐसे दिव्य पुरुषों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आज भी जीवित है और उन्हें अमरता का वरदान मिला है।
चलिए जानते हैं महाभारत और रामायण काल के ऐसे 8 देहधारी महापुरुषों के बारे में जो हजारों सालों से जीवित हैं। हिंदू धर्म में इन महान और अमर आत्माओं को चिरंजीवी बताया गया है।
1- भगवान हनुमान
भगवान रुद्र के 11वें अवतार और मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम के भक्त हनुमान आज भी सशरीर जीवित हैं। हनुमान जी को अमर होने का वरदान मिला है।
2- भगवान परशुराम
भगवान परशुराम भगवान विष्णु के दशावतारों में से एक हैं। मान्यताओं के अनुसार, उन्होंने पृथ्वी से 21 बार निरंकुश और अधर्मी क्षत्रियों का अंत किया था। इसलिए उन्हें अमर होने का वरदान है।
3- अश्वत्थामा
महाभारत काल के वीर योद्धा अश्वत्थामा ने पांडवों के सभी पुत्रों को मार डाला था। इन्हे श्री कृष्ण ने अनंत काल तक भटकने का श्राप दिया था इसलिए वे आज भी जीवित है।
4- ऋषि मार्कंडेय
ऋषि मार्कंडेय भगवान शिव के परम भक्त थे। उन्होंने भगवान शिव की भक्ति और महामृत्युंजय मंत्र की सिद्धि से अपनी अल्पायु को टाल दिया था।
5- भगवान वेद-व्यास
मान्यताओं के अनुसार, भगवान वेद व्यास ने 4 वेदों ऋगवेद, अथर्ववेद, सामवेद और यजुर्वेद का सम्पादन किया था। कहा जाता है वेद व्यास जी भी उन दिव्य महापुरुषों में शामिल हैं, जिन्हें अमर होने का वरदान प्राप्त है।
6- राजा बलि
राजा बलि प्रह्लाद के वंशज माने जाते हैं, जिन्होंने भगवान वामन को अपना सब कुछ दे दिया था। राजा बलि की दानशीलता से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उनका द्वारपाल बनना स्वीकार किया था। मान्यताओं के अनुसार वे आज भी जिन्दा है।
7- विभिषण
विभिषण रावण के छोटे भाई थे, जिन्होंने रावण की अधर्मी नितियों का विरोध करने के साथ राम का साथ भी दिया था। कहा जाता है कि विभिषण भी चिरंजीवी महापुरुषों में से एक हैं।