भारतीय संस्कृति में पूजा पाठ को एक अहम् स्थान दिया गया है। कहते है मन की शांति के लिए देवी-देवताओं की आराधना करना बहुत ही जरुरी है। पुज्जा के दौरान आपने देखा होगा देवताओं को नैवेद्य यानी भोग लगाते है। लेकिन आपको पता है देवताओं को नैवेद्य अर्पित करने के कुछ नियम, जिन्हें अपना कर आप भगवान की कृपा प्राप्त कर सकते है।

देवता को प्रसाद में दूध-शकर, मिश्री, नारियल, गुड़,फल, खीर, भोजन इत्यादि का भोग लगाए। पीतल की थाली या केले के पत्ते पर ही नैवेद्य परोसा जाए।

प्रत्येक पकवान पर तुलसी का एक पत्ता रखा जाता है। शिव जी के नैवेद्य में तुलसी की जगह बेल और गणेश जी के नैवेद्य में दूर्वा रखते हैं। नैवेद्य की थाली तुरंत भगवान के आगे से हटाना नहीं चाहिए।

नैवेद्य देवता के दक्षिण भाग में रखना चाहिए। नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग नैवेद्य में नहीं किया जाता है। प्रशाद में नमक की जगह मिष्ठान्न रखे जाते हैं।

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