सेक्स से जुड़े 5 मिथक, इन sexologists जानें यह जरूरी बातें
पहला मिथक: किसी भी प्रकार की गलतफहमी न पालें
अपने यौन जीवन को लेकर बहुत से लोग ज्यादा परेशान रहते हैं। अपनी असंतुष्टि के प्रति एक सकारात्मक कदम उठाने के बदले उसके प्रति उदासीन रवैया अपनाकर रखते हैं। अपनी समस्याओं के लिए सही व्यक्ति से संपर्क करने के बजाय दोस्तों से बात करते हैं, गॉसिप करते हैं और कई बार ऑनलाइन पॉर्न के चक्कर में भी फंस जाते हैं।
जबकि अधिकांशत: यह देखने को मिलता है कि जो लोग अपनी यौन समस्याओं को लेकर सेक्सॉल्जिस्ट्स के पास जाते हैं, उनमें कोई मेडिकल समस्या नहीं होती है बल्कि गलतफहमी अथवा मिथक के शिकार होते हैं।
आइए जानें, उन 8 सेक्स मिथकों के बारें में जिनकी जानकारी हमें 8 सेक्सोलॉजिस्ट दे रहे हैं।
दूसरा मिथक : दूसरे लोग मुझसे बेहतर और ज्यादा सेक्स कर रहे हैं
मुंबई जीएस मेडिकल कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ सेक्शुअल मेडिसिन के एचओडी डॉक्टर राजन भोंसले कहते हैं कि मेरे पास ज्यादातर 30 से 40 साल के कपल्स काउंसलिंग के लिए आते हैं। इनमें से अधिकांश हेल्दी होते हैं, लेकिन इनके बीच इंटिमसी की कमी होती है। इनकी सबसे बड़ी दिक्कत यह होती है कि ये कपल्स अपनी सेक्स लाइफ को दोस्तों, मैगजीन आदि से पढ़कर कंपेयर करने लगते हैं। इसलिए सबसे पहले यह कारण खोजें कि आप सेक्स से दूरियों की वजह क्या है। उसका मेडिकली हल निकालें। ज्यादा से ज्यादा क्वालिटी टाइम बिताने की कोशिश करें।
तीसरा मिथक: 40 साल की उम्र में सेक्स खत्म हो जाता है
सेक्शुअल हेल्थ फिजिशन, कंसलटेंट और काउंसलर डॉ दीपक जुमानी के मुताबिक, 40 या 50 साल के बहुत से लोग बेडरूम में परफॉर्म नहीं कर पाते क्योंकि उनकी बॉडी सेक्स करने लायक ही नहीं रह जाती है। आंकड़ों की मानें तो 40 साल से ऊपर के करीब 50 प्रतिशत पुरुष इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या से पीड़ित रहते हैं। ऐसे में जब वह परफॉर्म नहीं कर पाते तो उसे कमजोरी मान लेते हैं। अन्यथा कोई भी व्यक्ति 90 साल की उम्र तक सेक्स कर सकता है।
चौथा मिथक: शादीशुदा कपल्स दूसरों के बारे में फैंटसाइज नहीं कर सकते
कन्सलटेंट सेक्सॉल्जिस्ट डॉ पायल एस कामथ का कहना है कि सेक्स के दौरान किसी और की कल्पना करना शक अथवा अपराध की नजर से देखा जाता है। सामान्य धारणा है कि दूसरों के बारे में सेक्शुअली सोचना धोखाधड़ी है। सेक्शुअली अट्रैक्ट होना इंसान का सामान्य नेचर है। एक व्यक्ति के साथ रिश्ते में रहना हमारी चॉइस है, मजबूरी नहीं। इस तरह किसी तरफ जलन और शक की भावनाओं से खुद को चोट पहुंचाने की बजाए अपनी इच्छाओं के बारे में खुलकर पार्टनर से बात करें।
पांचवा मिथक : मुझे पार्टनर के एक्स से बेहतर परफॉर्म करना है
सेक्सॉल्जिस्ट डॉ पवन सोनवर के मुताबिक, ज्यादातर कपल्स के बीच अतिसंवेदनशीलता और अपर्याप्तता की भावनाएं बहुत ज्यादा देखने को मिलती हैं। कपल्स को यह समझना चाहिए कि अच्छे सेक्स का संबंध आपके शारीरिक आकार से नहीं बल्कि इमोशनल इंटिमसी और कंफर्ट से है। आपका पार्टनर आपके साथ इसलिए है क्योंकि वह आपको पसंद करता है और प्यार करता है। लिहाजा अपनी तुलना किसी और से करने की बजाए अपने बेडरूम स्किल्स को बेहतर बनाएं।