महाभारत की कहानी हिन्दू धर्म वालो के लिए एक प्रेरणा है। द्रौपदी श्री कृष्ण से पूछती है हे गोविन्द, जब दुशहासन मेरा चीर हरण करने के लिए मेरी और बढ़ रहा था उस वक़्त आपने आगे आ कर दुशहासन को रोका क्यों नहीं। अगर आप उसी वक़्त दुशहासन को रोक देते तो महाभारत जैसा इतना विनाशक युद्ध कभी नहीं होता। मुझे इसका उत्तर दीजिये भगवन।

प्रश्नका जबाब देते हुए भगवान कृष्ण मुस्कुराये और द्रौपदी को उत्तर दिये प्रिय सखी, इसमें मेरा कोई दोष नहीं। जब दुशहासन तुम्हारी तरफ बढ़ रहा था तो तुमने मुझे एक पल के लिए भी स्मरण नहीं किया। जब दुशहासन तुम्हारे केस पकड़ कर भरी सभा में ले जा रहा था तो तुमने सबसे मदद मांगी लेकिन मुझे भूल गयी।

जब दुशहासन तुम्हारा चीर हरण करने के लिए तुम्हारी और बढ़ रहा था, अगर तुम मुझे उस वक़्त केवल एक बार भी पुकारती तो मैं हस्तक्षेप ज़रूर करता और ये कतई ना होने देता।

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