छठ महापर्व के बारे में आप तो जानते ही होंगे, वैसे ये पर्व साल में दो बार मनाया जाता है। एक तो कार्तिक में दूसरा चैत में। चैती का चार दिवसीय अनुष्ठान नौ अप्रैल से शुरू होने वाला है। छठ को महापर्व इसलिए कहते है क्योकि इस पर्व को बहुत ही नियम पूर्वक से मनाते है। चार दिन का इस पर्व में पहले दिन नहाय-खाए ,दूसरे दिन लोहंडा ,तीसरे दिन सायंकालीन अर्घ्य और चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ अनुष्ठान संपन्न होग। छठ पर्व को सूर्य उपासना का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है।

छठ महापर्व बिहार और उतर प्रदेश में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। कहते है भगवान सूर्य की उपासना से आरोग्यता, संतान व मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। कहा जाता है छठ महापर्व को अगर कोई सच्चे मन से करता है तो उन्हें पुत्र की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं महापर्व के प्रमुख दिन.

नहाय-खाए : नौ अप्रैल

खरना-लोहंडा : 10 अप्रैल

सायंकालीन अर्घ्य : 11 अप्रैल

प्रात:कालीन अर्घ्य : 12 अप्रैल

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