हिंदू धर्म में गंगा नदी को पवित्र नदी होने के साथ ही इस नदी के जल को पवित्र माना जाता है। यही कारण है कि आज भी हर मांगलिक कार्य में गंगाजल का उपयोग किया जाता है। आपने देखा होगा हर हिंदू परिवार में गंगाजल के बोतल में भरा हुआ होता है। लेकिन कभी आपने सोचा है कि सालो बोतल में बंद होने के बाद भी गंगा का पानी कभी खराब क्‍यूं नहीं होता है जबकि सामान्‍य जल बोतल में कई दिनों तक बंद रहने की वजह से या तो खराब हो जाता है। तो चलिए आज जानते है इसके पीछे की वजह।

जड़ी बूटियों की वजह से: वैज्ञानिक बताते हैं कि हरिद्वार में गोमुख- गंगोत्री से आ रही गंगा के जल की गुणवत्ता पर इसलिए कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता, क्योंकि यह हिमालय पर्वत पर उगी हुई अनेकों जीवनदायनी उपयोगी जड़ी-बूटियों, खनिज पदार्थों और लवणों को स्पर्श करता हुआ आता है।

वैज्ञानिक शोध: गंगा जल में बैट्रिया फोस नामक एक बैक्टीरिया पाया गया है, जो पानी के अंदर रासायनिक क्रियाओं से उत्पन्न होने वाले अवांछनीय पदार्थों को खाता रहता है। इससे जल की शुद्धता बनी रहती है।

सल्‍फर की मात्रा: गंगा के पानी में गंधक की प्रचुर मात्रा मौजूद रहती है; इसलिए भी यह ख़राब नहीं होता। इसके अतिरिक्त कुछ भू-रासायनिक क्रियाएं भी गंगाजल में होती रहती हैं, जिससे इसमें कभी कीड़े पैदा नहीं होते।

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