जैसा कि आप सभी को पता होगा कि मंदिर में जाने से पहले जूते बाहर ही उतारे जाते हैं। आपके दिमाग में ऐसा सवाल आता ही होगा। कई वेदों में लिखा गया है, कि मंदिर बहुत ही पवित्र स्थान है, और दरवाजे पर ही जूते उतार कर प्रवेश करना चाहिए हैं, लेकिन क्या आपको पता है इसके पीछे सिर्फ मान्यता ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण भी हैं।

कुछ लोग ऐसा भी मानते हैं कि मंदिर परिसर में गंदगी न फैले इसके लिए भी जूते चप्पल बाहर खोले जाते हैं। देशभर में आपको कोई भी ऐसा मंदिर नहीं मिलेगा जहां जूते पहन कर आप जा सकते हैं।

वैज्ञानिक कारण की बात करे तो चुंबकीय और बिजली का कंपन शुद्ध क्षेत्र में ज्यादा होता है। मंदिर के फर्श अच्छे कंडक्टर हैं जो सकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करते हैं। इन फर्श पर नंगे पांव चलने से ऊर्जा आपके शरीर के माध्यम से गुजरने में मदद करेगी। यह आपके अहंकार को पीछे छोड़ने का प्रतीक भी है।

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