भगवान शिव गले में क्यों धारण करते है नागराज का हार, जानिए
हिन्दू धर्म में पूजा पथ का बहुत महत्व है, हर देवी-देवता पूजा और आराधना का नियम भी अलग है। लेकिन आज हम बात करेंगे देवी-देवता की विशेष सवारी के बारे में। आज हम भगवान भोलेनाथ के बारे में बात करेंगे, आपने देखा होगा कि भी गले में सांपों की माला होती है। लेकिन आप जानते है इसके पीछे की क्या वजह है। तो चलिए आज जानते है।
नागराज वासुकी को नागलोक का राजा माना गया है। वासुकी भगवान शिव के परम भक्त थे। वासुकी की भक्ति से प्रसन्न होकर ही भगवान शिव ने उन्हें अपने गणों में शामिल कर लिया था। कहते हैं कि समुद्र मंथन के दौरान वासुकी नाग को ही रस्सी के रूप में मेरु पर्वत के चारों ओर लपेटकर मंथन किया गया था।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वासुकी ने भगवान शिव की सेवा में नियुक्त होना स्वीकार किया। कहते हैं कि तभी से भगवान शिव ने नागों के राजा वासुकी को अपने गले का हार बनाया। यही कारण है कि भगवान शंकर के गले में हमेशा सर्पों की माला रहती है।