स्वाइन फ्लू ने कोरोना संक्रमण कम होते ही दस्तक दे दी है। जिसके तीन संक्रमित मप्र के इंदौर में मिले हैं और अब लोगों में इसका खौफ बढ़ने लगा है. यह बीमारी पुरानी है और इसे महामारी घोषित किया जा चुका है। जिससे पहले भी देश भर में इससे कई मौतें हो चुकी हैं। इस संक्रामक बीमारी से बचने के उपाय अपनाएं और आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे घरेलू नुस्खे जो आपके काम आ सकते हैं.

स्वाइन फ्लू से बचने के घरेलू उपाय-

बता दे की, लहसुन में मौजूद एंटी वायरल गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। जिसके लिए लहसुन की दो कलियां रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेनी चाहिए। जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

स्वाइन फ्लू में हल्दी, तुलसी, नीम, गिलोय, पुदीना, आंवला, लोबिया, लहसुन, अदरक का सेवन करने से लाभ होता है। आप इसका रोजाना सेवन करना शुरू कर दें।

सुदर्शन क्वाथ या उनकी वटी/चूर्ण, भारंग्यादि क्वाथ, संशमणि वटी को रोग रोधी पदार्थ के रूप में लें।

*पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए हल्का, गर्म, ताजा खाना ही खाएं, ठंडा न खाएं।

* आपकी जानकारी के लिए बता दे की, सूप, नींबू का रस, आंवला का रस, मौसमी का रस, हल्दी वाला दूध और अधिक पानी का सेवन करें।

* गुग्गुल, काली मिर्च, शुद्ध गाय का घी, कपूर और चीनी मिलाकर सेवन करना चाहिए।

* विशिष्ट आयुर्वेदिक पेय (काढ़ा) पिएं। इसे बनाने के लिए डेढ़ कप पानी लें और हल्दी पाउडर (एक चम्मच), काली मिर्च (तीन दाने), तुलसी के पत्ते (दो), थोड़ा जीरा, अदरक, थोड़ी चीनी डालकर उबालें। जब एक कप बच जाए तो उसमें आधा नीबू निचोड़ लें। इसका सेवन गुनगुना ही करें। इसे दिन में 2-3 बार लिया जा सकता है।

* तिल के तेल की 2 बूंद नाक के दोनों किनारों पर दिन में तीन बार लगाएं।

* प्रतिदिन 2 से 3 तुलसी के पत्तों का सेवन करें।

गिलोय का काढ़ा या 20 मिलीलीटर ताजा गिलोय का रस रोजाना पिएं।

* स्वाइन फ्लू जैसा बुखार, गले में खराश, सर्दी-जुकाम, खांसी और कंपकंपी, इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

रूमाल में कपूर, इलायची, लौंग का मिश्रण (पाउडर) बांधकर रखें और महकते रहें।

अमृतधारा की 1-2 बूंद रुमाल या रुई पर लगाकर बार-बार सूंघने से स्वाइन फ्लू से बचा जा सकता है।

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