इंटरनेट डेस्क। इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सकेंडरी एजुकेशन (आईसीएसई) भारतीय स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा परिषद, भारत में स्कूली एजुकेशन के लिए एक निजी बोर्ड परिषद है। इसे अंग्रेजी माध्यम से नई एजुकेशन पॉलिसी 1986 (भारत) की सिफारिशों के अनुसार सामान्य शिक्षा के पाठ्यक्रम में परीक्षाएं करवाने और एजुकेशन देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

यह 1986 से पहले फ्रेंच बोर्ड ऑफ परीक्षा से संबद्ध था। यह भारत में प्रतिष्ठित एजुकेशन बोर्डों में से एक है और इसकी बोर्ड परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है।

परीक्षा उनके राज्यों या क्षेत्रों में स्कूलों (जो उससे संबद्ध हैं) के लिए ज़िम्मेदार सरकारों के सुरक्षित उपयुक्त प्रतिनिधित्व की अनुमति देती है।

इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईसीएसई) 2018 से क्लास 1 से लेकर आठवीं क्लास के लिए बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन करता है।

किन विषयों की पढ़ाई करवाई जाती है?

यहां पढ़ाए जाने वाले विषयों में जहां एक से अधिक पेपर एक विषय के लिए पढ़ने होते हैं इसके बाद सभी पेपरों का औसत लेकर उस विषय में प्राप्त अंकों को बताया जाता है। परीक्षा के लिए उपस्थित उम्मीदवारों को प्रत्येक विषय में एक से तीन पेपरों के लिए पढ़ाई करनी होगी। विज्ञान में भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान के लिए तीन पेपर होते हैं। यहां विषयों के आधार पर कुल आठ से ग्यारह पेपर होते हैं। आईसीएसई के परिणामों को छह में से पांच विषयों से बनाया जाता है जिनमें से अंग्रेजी के अंक अनिवार्य है।

इसके अलावा आईसीएसई के मार्किंग सिस्टम को लेकर भी कई तरह की बातें बताई जाती है, कुछ लोगों का ये मानना है कि यहां का मार्किंग सिस्टम काफी कठिन है तो कुछ का ये कहना है कि इसी मार्किंग सिस्टम की वजह से ही यहां के छात्र आगे चलकर अच्छे कोर्सेज में देश का प्रतिनिधित्व कर पाते हैं।

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