कोरोना की सबसे ज्यादा मार बॉलीवुड पर पड़ी है। लॉकडाउन के चलते सिनेमाघरों को बंद कर दिया गया था और फिर धीरे-धीरे फिल्मों की शूटिंग और रिलीज की तारीखों को भी ठंडा कर दिया गया। लेकिन इन सबके बीच भारतीय सिनेमा में अच्छी फिल्में बनती रहीं। यही कारण है कि फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की 15 सदस्यीय जूरी ने अकादमी पुरस्कारों में भारत की प्रविष्टि के लिए 14 फिल्मों का चयन किया है। शाजी ने 15 सदस्यीय जूरी की अध्यक्षता की। यह एन करण थे।

15 सदस्यीय जूरी संयुक्त रूप से उस फिल्म का चयन करेगी जो अगले साल के 94वें अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा वर्ग के लिए प्रतिस्पर्धा करेगी। अंतिम चयन के लिए कोलकाता में जूरी सदस्यों द्वारा कुल 14 फिल्मों की स्क्रीनिंग की जा रही है। इन सभी 14 फिल्मों को जूरी द्वारा देखा जाएगा और सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि का चयन किया जाएगा। 14 फिल्मों में मलयालम फिल्म नैतू, तमिल फिल्म मंडेला, विद्या बालन की हिंदी फिल्म 'शेरनी' और हाल ही में रिलीज हुई विक्की कौशल की 'सरदार उधम' शामिल हैं।

'शेरनी' की बात करें तो यह अमित वी मसूरकर द्वारा निर्देशित फिल्म है। विद्या बालन इस फिल्म में एक वन अधिकारी की भूमिका निभाती हैं और वह एक आदमखोर बाघ को पकड़ने की कोशिश करती हैं। दूसरी ओर, विक्की कौशल की हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म 'सरदार उधम' सरदार उधम सिंह की कहानी बताती है, जिसने 1991 के जलियांवाला बाग हत्याकांड के प्रतिशोध में एक ब्रिटिश अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। फिल्म का निर्देशन शुजित सरकार ने किया है।

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