इंटरनेट डेस्क। बिहार जहां एजुकेशन के मामले में हर साल किसी ना किसी तरह से सुर्खियों में रहता है वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं बिहार में जो अपने काम से बिहार की किस्मत को चमकाने में लगे हुए हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं बिहार के पटना के रहने वाले आनंद कुमार की जो हर साल अपने कोचिंग संस्थान से औसतन 30 सेलेक्शन आईआईटी में देते हैं।

पिछले 14 सालों से बिहार के गरीब और पिछड़े तबकों से आने वाले बच्चों की किस्मत बदन देने वाले आनंद कुमार किस तरह का संस्थान चलाते हैं और कैसे करवाते हैं वो बच्चों को तैयारी, आइए जानते हैं।

क्या है सुपर-30 ?

बिहार की राजधानी पटना में आईआईटी में एडमिशन के लिए एक अनेखा कोचिंग संस्थान (कोचिंग इन्स्टीट्यूट) है जिसमें नि:शुल्क आईआईटी की कोचिंग दी जाती है। यहां समाज के गरीब एवं पिछड़े विद्यार्थियों को कोचिंग के लिए चुना जाता है। नि:शुल्क होने एवं पिछड़े बच्चों को लेने के बावजूद भी यह संस्थान हर साल लगभग 30 बच्चों को आईआईटी में एडमिशन दिलवाता है।

कोचिंग के अलावा और क्या सुविधाएं यहां दी जाती है ?

हर साल यहां गरीब परिवारों के 30 प्रतिभावान बच्चों का चयन किया जाता है और फिर उन्हें बिना किसी फीस के आईआईटी की तैयारी करवाई जाती है। इन्स्टीट्यूट इन बच्चों के खाने और रहने का इंतजाम भी बिना कोई फीस के करता है। इन्स्टीट्यूट केवल 30 बच्चों का ही चयन करता है और इसी आधार पर इसे सुपर- 30 नाम दिया गया है।

कब हुई शुरूआत ?

सुपर-30 इंस्टीट्यूट की शुरुआत साल 2003 में हुई थी। इस साल सुपर 30 के 30 में से 18 छात्रों का आईआईटी में चयन हुआ।

कौन चलाता है सुपर-30 ?

आनंद कुमार रामानुज स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स नाम का एक संस्थान चलाते हैं। सुपर-30 को इस गणित संस्थान से होने वाली आमदनी से ही चलाया जाता है।

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