इंटरनेट डेस्क। हमारे देश में एजुकेशन के मामले में पिछले कुछ दशकों से जिस तरह से तेजी आई है जिसके बाद इस देश के लोगों ने एक से बढ़कर एक यूनिवर्सिटियां और कॉलेज देखी है जिनमें पढ़कर हमारे देश के कई महान लोग निकले हैं। एक ऐसी ही एतिहासिक यूनिवर्सिटी है बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी। जी हां, 4 फरवरी 1916 को स्थापित हुई इस यूनिवर्सिटी को आज 100 साल से भी ज्यादा का समय हो गया है।

आज हम आपको बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी की कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं जिन्हें शायद आप नहीं जानते होंगे।

स्थापना को लेकर हैं बड़ा ही रोचक किस्सा-

बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय जब इसकी स्थापना के लिए चंदा ले जमा कर रहे थे तो वो एक दिन हैदराबाद के निजाम के पास पहुंचे। निजाम ने चंदे के नाम पर उनके हाथ में अपना जूता रख दिया जिसके बाद मालवीय ने उस जूते की नीलामी की लेकिन जैसे ही ये बात निजाम को पता चली उन्होंने मालवीय को तुरंत बुलाकर 45 लाख रुपए दिए।

आइंस्टीन यहां एडमिशन लेना चाहते थे-

पूरी दुनिया के सबसे महान साइंटिस्ट में गिने जाने वाले अल्बर्ट आइंस्टीन भी यहां एडमिशन लेकर पढ़ना चाहते थे। इसके लिए उनकी तरफ से लेटर भी लिखा गया था लेकिन लेटर का लेट जवाब आने के कारण आइंस्टीन तब तक अमेरिका में बस गए थे।

देश में हुए अहम आंदोलनों का गवाह बनी ये यूनिवर्सिटी-

1942 में देश में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत की गई उस दौरान अंग्रेजों को बाहर निकालने के लिए देशव्यापी माहौल बनाया गया था। उस दौरान यहां 3 से 4 महीनों तक एक भी क्लास नहीं लगी थी। यहां से कई स्टूडेंट एक्टिविस्ट निकले हैं।

कैंपस में सबकुछ है ये बताएं क्या नहीं है यहां !

बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के कैंपस में हॉस्पिटल, म्यूजियम, 72 हॉस्टल, पेट्रोल पंप, शॉपिंग मॉल से लेकर खुद का एक हेलीपैड तक सबकुछ है।

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