हमारे देश और दुनिया में आज जो चीज सबसे तेजी से बढ़ रही है वो है मोबाइल और इसका उपय़ोग करने वाले। हर साल के नए आंकड़ों में मोबाइल यूजर में काफी उछाल देखने को मिलता है। आज पूरी दुनिया जिस चीज से कनेक्ट है वो एक मोबाइल ही है। हम कई सालों से मोबाइल रखते आ रहे हैं लेकिन फिर भी इसके बारे में कुछ सामान्य सी बातें नहीं जानते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही सवाल के बारे में बताएंगे जो कि आपको जानना जरूरी है। मोबाइल में बात करने के लिए सिम कार्ड की जरूरत होती है, लेकिन जो सवाल है वो सिम कार्ड से ही जुड़ा हुआ है।

क्या आपने कभी गौर किया कि सिम कार्ड का एक कोना आखिर कटा हुआ क्यों होता है?

मोबाइल के आविष्कार के बाद से ही सबसे पहले हमने साल 1991 में यूरोपियन टेलीकॉम कम्युनिकेशन कंपनी के मोबाइल को काम में लेना शुरू किया जिसमें उस समय सिम की जगह पर एक चिप होती थी जो बाहर नहीं निकलती थी। इसके बाद भारत की कंपनी रिलायंस ने भी अपने फोन निकाले जिनमें भी सिम अलग से नहीं डाली जा सकती थी।

समय के साथ मोबाइल में काफी बदलाव हुए और सिम को बाहर निकालने की कवायद शुरू की गई। शुरूआत में यह देखा गया कि सिम का साइज चारों तरफ से एक जैसा है जिसके कारण इसे निकालने और अंदर डालने में काफी परेशानी होती है।

इसके बाद कंपनी ने कई डिजाइन तैयार किए और जिसमें आज का डिजाइन भी शामिल हैं। सिम के एक कोने को काट कर पेश किया जिसके बाद देखा गया कि सिम और मोबाइल की कई परेशानियां दूर हो गई थी। इस वजह से आज जो सिम हम काम में ले रहे हैं वो हर कंपनी का कोना कटा हुआ ही आता है।

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