भारतीय प्रशासनिक सेवा अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है। इसके अधिकारी अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (तथा भारतीय पुलिस सेवा) में सीधी भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से की जाती है तथा उनका आवंटन भारत सरकार द्वारा राज्यों को कर दिया जाता है।

UPSC की परीक्षा सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। UPSC का फुल फॉर्म है यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन। हर साल देशभर के लाखों युवा उम्मीदवार इस परीक्षा में बैठते हैं. उनका सपना होता है कि वह अच्छेनंबरों के साथ इस परीक्षा को उत्तीर्ण करें और एक आईएएस या फिर आईपीएस का पद हासिल करें. लेकिन बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिन्हें आईएएस और आईपीएस के बीच में फर्क नहीं पता होता. वह दोनों पदों को समान मानते हैं. ऐसे में आज के इस पोस्ट में हम आपको आईएएस और आईपीएस के बारे में बताएंगे और बताएंगे कि दोनों में से कौन सा पद ज्यादा शक्तिशाली होता है और क्यों.

कौन होते हैं आईएएस?
आईएएस की फुल फॉर्म इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस है। आईएएस की परीक्षा क्लियर करने पर आप ब्यूरोक्रेसी में प्रवेश करते हैं। जिन लोगों का भी आईएएस में चुनाव होता है उन्हें विभिन्न मंत्रालयों या जिलों का मुखिया बनाया जाता है।

कौन होते हैं आईपीएस?
आईपीएस की फुल फॉर्म इंडियन पुलिस सर्विस होता है, जिसके जरिये आप पुलिस यूनिट के आला अफसरों में शामिल होते है। . इसमें आप ट्रेनी आईपीएस से डीजीपी या इंटेलिजेंस ब्यूरो, सीबीआई चीफ तक पहुंच सकते हैं।



ये है आईपीएस और आईएएस में अंतर
आईएएस हमेशा फॉर्मल ड्रेस में रहते हैं और उनका कोई ड्रेस कोड नहीं होता। वहीं, एक आईपीएस को हमेशा ड्यूटी के दौरान वर्दी पहनना अनिवार्य है. आईएएस अपने साथ एक या दो अंगरक्षक रख सकते हैं लेकिन एक आईपीएस के साथ पुलिस की पूरी फोर्स चलती है। आईएएस बनने पर आप मैडल से नवाजे जाते हैं लेकिन आईपीएस को स्वॉर्ड ऑफ़ हॉनर अवार्ड मिलता है।

क्या हैं आईएएस और आईपीएस के कार्य?
एक आईएएस के कंधे पर लोक प्रशासन और नीति निर्माण और कार्यान्वयन की जिम्मेदारी होती है और आईपीएस कानून व्यवस्था बनाये रखने और क्षेत्र में अपराध रोकने का जिम्मा लेता है।

डिपार्टमेंट और सैलरी
चूंकि, एक आईएएस अफसर सरकारी विभाग और कई मंत्रालयों का कार्य संभालता है और आईपीएस पुलिस विभाग में काम करता है, तो इन सब को ध्यान में रखते हुए उनकी सैलरी निर्धारित की जाती है। बात करें सैलरी की तो आईएएस को आईपीएस से ज्यादा पैसे मिलते हैं। सातवें पे कमीशन के बाद एक आईएएस का वेतन 56,100 से 2.5 लाख प्रति माह तक होता है। साथ ही उन्हें कई सुविधाएं भी मुहैया करवाई जाती हैं।

वहीं, एक आईपीएस को सैलरी के रूप में प्रति माह 56,100 से लेकर 2,25,000 मिलते हैं. साथ ही आपका यह जानना जरूरी है कि एक क्षेत्र में एक ही आईएएस होता है, जबकि एक क्षेत्र में एक से अधिक आईपीएस हो सकते हैं। बात करें पदानुक्रम रैंक की तो इसमें भी आईएएस ऊपर होता है। बता दें, एक आईएएस को ही किसी भी जिले का डीएम बना सकते हैं। वहीं, एक जिले में आईपीएस को एसपी बनाया जाता है।

कौन है ज्यादा शक्तिशाली?
वैसे तो ये दोनों ही उच्च कोटि के अफसर होते हैं लेकिन एक डीएम के रूप में आईएएस की पॉवर काफी ज्यादा होती है. वहीं, एक आईपीएस केवल अपने विभाग की जिम्मेदारी संभालता है। डीएम के रूप में आईएएस पुलिस विभाग के साथ-साथ अन्य कई विभागों का भी हेड होता है।

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