आज हम आपको त्रिपुरा के एक इंजीनियर के बारे में बताने जा रहे हैं। इस इंजीनियर के बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल, हम जिस इंजीनियर की बात कर रहे हैं, उसने गीले कपड़े से बिजली पैदा की है और इसके लिए उसे इनोवेशन अवार्ड भी मिला है। सामने आई खबर के मुताबिक, इस तकनीक से मेडिकल डायग्नोस्टिक किट और मोबाइल फोन को ऊर्जावान बनाया जा सकता है।

इंजीनियर को गांधीवादी यंग टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन (GYTI) पुरस्कार मिला है और उन्हें यह पुरस्कार केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन द्वारा दिया गया है। एक वेबसाइट की खबर के मुताबिक, इंजीनियर का नाम शंख सुभरा दास है। वह बांग्लादेश की सीमा पर स्थित खेड़ाबाड़ी में रहता है और सिपाहीजला जिले में आता है। उनके अनुसार, यह बिजली केशिका क्रिया और पानी के वाष्पीकरण पर निर्भर है। इसके लिए, उसने एक निश्चित लंबाई-चौड़ाई पर एक कपड़ा काटा, फिर उसे प्लास्टिक के पाइप में डाल दिया। फिर उन्होंने पाइप को पानी से भरे आधे बर्तन में तय किया और पाइप के दोनों तरफ कॉपर इलेक्ट्रोड लगा दिए गए। इससे उन्हें वोल्टेज मिल रहा था।

दरअसल शंख सुभरा दास ने IIT खड़गपुर से पीएचडी की है। बताया जा रहा है कि इससे निकलने वाली ऊर्जा इतनी नहीं है कि यह बड़े विद्युत उपकरणों को भी चला सके। उसी समय, दास और उनकी टीम द्वारा 30-40 उपकरणों को एक साथ जोड़कर इस समस्या को हल किया गया था। अब यह एक छोटी एलईडी चला सकता है, और मोबाइल फोन को भी चार्ज कर सकता है।

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