CBSC बोर्ड एग्जाम में इस्तेमाल होगा टेट्रा सॉफ्टवेयर, जानिए क्या पड़ेगा इसका असर
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएससी) पेपर लीक जैसी समस्याओं से निपटने और सभी परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स को समान अवसर उपलब्ध करवाने के लिए एक नए सॉफ्टवेयर की मदद लेने जा रहा है। इस बार इस समस्या से टेक्नोलॉजी की मदद से निपटने का मार्ग सीबीएससी ने चुना है। जिस से विद्यार्थियों को हार्ड पेपर या कोर्स के बाहर से आए प्रश्नों का सामना ना करना पड़े।
अधिकारी ने कहा कि बोर्ड ने थ्योरी इवैल्यूएशन ट्रेंड एनालिसिस (टीईटीआरए) सॉफ्टवेयर का उपयोग करना शुरू कर दिया है - जो कि टीम द्वारा लिखा गया है। पिछले साल छात्रों द्वारा प्राप्त किए गए अंकों के रुझान का अध्ययन भी इसके माध्यम से किया गया था।
क्या काम करता है ये सॉफ्टवेयर
सॉफ्टवेयर केंद्रों में बनाए गए औसत अंकों के लाइव रुझान को प्रदर्शित करता है और प्रश्न पत्र में अस्पष्टता या कठिनाई के मामले में अनुचित डिग्री होने पर अंक के मॉडरेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "हम क्षेत्रों और केंद्रों में छात्रों द्वारा प्राप्त किए गए अंकों की प्रवृत्ति का विश्लेषण करते हैं। जब भी हम उन्हें नियमों से अलग पाते हैं, तो हम उस केंद्र और जांच को बुलाते हैं।"
अधिकारी ने कहा, "हम प्रश्न पत्र में किसी भी अस्पष्टता या कठिनाई के बारे में शिकायतों की तलाश करते हैं। एक टीम तब यह देखती है कि इन कठिनाइयों के लिए क्या और कितना मॉडरेशन की आवश्यकता है।"
सीबीएसई ने बीते साल भी कक्षा 10वीं व 12वीं के क्रमश: गणित व अर्थशास्त्र के प्रश्नपत्रों के लीक होने के बाद ट्रेटा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था। इस साल सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हो रही हैं।