2002 में बिहार के पटना में बने कोचिंग संस्थान सुपर-30 ने साल 2008 में आईआईटी जेईई में अपनी 100 प्रतिशत सफलता के साथ पूरे देश को चकित कर दिया था। हालांकि संस्थान ने 2004 से ही अच्छा परिणाम दे रहा है लेकिन 2008 में ऐसा पहली बार यह हुआ कि सभी 30 छात्रों ने सुपर-30 बैच से आईआईटी जेईई की परीक्षा पास कर ली। इन्होंने 2010 में टाइम मैगज़ीन में भी अपनी जगह बनाई।

लेकिन अब, इसके संस्थापक गणितज्ञ आनंद कुमार खुद एक बड़े विवाद में उलझ गए हैं। उनके छात्रों ने उन पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। आनंद कुमार सुपर-30 के जरिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में एडमिशन करवाने के लिए समाज के आर्थिक और पिछड़े वर्ग से आने वाले मेधावी छात्रों को मुफ्त कोचिंग प्रदान करते हैं।

इनमें से कुछ छात्रों ने आरोप लगाया है कि आनंद कुमार ने इस साल एक झूठा दावा किया है कि उनके 30 छात्रों में से 26 ने आईआईटी जेईई परीक्षा में सफलता हासिल की है लेकिन छात्रों ने कहा कि सुपर -30 बैच से इस साल केवल तीन ही छात्रों ने आईआईटी जेईई की परीक्षा पास की है।

इस साल के आईआईटी जेईई (एडवांस) के नतीजे मिलने के बाद आनंद कुमार ने दावा किया कि सुपर -30 के छात्रों में से 26 ने परीक्षा उत्तीर्ण की है। दावा किए गए सफल उम्मीदवारों के नामों में ओनजीत गोस्वामी, सूरज कुमार, यश कुमार और सूर्यकांत शामिल थे।

अब यह सामने आया है कि केवल ऑनोरजीत ही सुपर-30 का छात्र है और शेष छात्रों का दावा है कि आनंद कुमार द्वारा अन्य कोचिंग संस्थानों के संबंध में उनका दावा किया गया है। कुमार ने इसके लिए अन्य कोचिंग संस्थानों को भारी पैसे दिए हैं।

इसके अलावा ये भी बताया गया है कि सूरज कुमार ने कोटा, राजस्थान में एक संस्थान में कोचिंग ली थी, लेकिन आनंद कुमार ने उनको सुपर-30 छात्रों में से एक के रूप में प्रस्तुत किया था। "व्हिस्टलब्लॉवर" छात्रों ने यह भी दावा किया कि आईआईटी उम्मीदवारों को सुपर-30 में आने के बाद किसी अन्य इंजीनियरिंग कोचिंग सेंटर में नामांकन करने के लिए कहा जाता है और इसके लिए आनंद कुमार 33,040 रुपये की फीस खुद देते हैं।

आनंद कुमार इन छात्रों को गुमराह करते थे कि उनकी कोचिंग में छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर सुपर-30 छात्रों का चयन किया जाएगा। रामानुज कक्षाओं में लगभग 40 छात्रों का नामांकन करते हैं और उम्मीद करते थे कि वे सुपर-30 में चुने जाएंगे। आनंद कुमार ने अपने ऊपर लगाए गए किसी भी आरोप पर अभी सफाई नहीं दी है।

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