राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) की प्री परीक्षा बीते रविवार को राज्य भर में संबद्ध सरकारी सेवाओं पर युवा उम्मीदवारों की भर्ती के लिए राज्य के कई परीक्षा केंद्रो पर शांतिपूर्वक संपन्न हुई। परीक्षा के लिए 75.80% उम्मीदवार आए। राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने भी दावा किया कि परीक्षा शांतिपूर्ण हो गई है और धोखाधड़ी या परेशानी का कोई मामला कहीं से नहीं आया है।

आरपीएससी के अध्यक्ष दीपक उप्रति का कहना है कि सुबह से आरपीएससी अपने कंट्रोल रूम में काम कर रहा था। आरपीएससी के अनुसार, कुल 49,7045 उम्मीदवारों ने इस परीक्षा के लिए आवेदन किया, जिनमें से 37,6762 उपस्थित थे। उम्मीदवारों की सबसे ज्यादा उपस्थिति बुंदी जिले में दर्ज की गई जिसमें 85.59% उम्मीदवारों ने परीक्षा में भाग लिया जबकि सबसे कम अजमेर में 60.57% उम्मीदवार परीक्षा के लिए उपस्थित हुए।

जयपुर में 78.70% उम्मीदवार परीक्षा में उपस्थित हुए। इस परीक्षा के संचालन के लिए आरपीएससी ने राज्य भर में 1,454 केंद्र बनाए थे और इस परीक्षा में कुल 3,76,762 उम्मीदवार देने के लिए आए। केंद्रों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था और उम्मीदवारों को आरपीएससी द्वारा दिये गये दिशानिर्देशों के अनुसार एडमिशन करने करने की इजाजत थी।

सुबह 8 बजे अजमेर डिवीजन में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था, जो दोपहर 1.30 बजे फिर से शुरू किया गया। लोगों को इंटरनेट के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ा और यह दूसरी बार है कि सरकारी परीक्षा के लिए राज्य में इंटरनेट कर्फ्यू देखने को मिला है।

जिला प्रमुख ने किया परीक्षा का बहिष्कार-

अलवर परीक्षा कक्षों में उम्मीदवारों को प्रवेश देने की इजाजत देने के मामले में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला जहां जिला प्रमुख रेखा राजू यादव ने अपने मंगलसूत्र (विवाहित महिलाओं द्वारा पहना हार) को हटाने से इंकार कर दिया था। परीक्षा केंद्र में सुरक्षा कर्मचारियों ने जिला प्रमुख को जारी किए गए गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने की इजाजत दे दी थी। यादव ने फिर भी जो अलवर के एक सरकारी स्कूल में परीक्षा लिखने आए थे, अंततः आरएएस की परीक्षा का बहिष्कार किया और केंद्र छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि सख्त गाइडलाइन महिलाओं का अपमान था।

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