यूपी के सहारनपुर में स्लम बस्ती में रहने वाले दो सगे भाई बचपन से कूड़ा बीनते हैं. इनके पिता फेरी लगाने का काम करते हैं. लेकिन, इसी बीच एक समाजिक संस्था उड़ान की नजर इन बच्चों पर पड़ी और उनका एडमिशन स्कूल में करा दिया. इतना ही नहीं अब ये बच्चे इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन पा गए हैं..


मनीष और रोहन का कहना है कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि स्कूल और फिर इंजीनियरिंग कॉलेज तक का सफर पूरा करेगे. लेकिन, आज वह यहां तक पहुंच गए हैं. उन्होंने इसके लिए उड़ान संस्था और अजय सिंघल का शुक्रिया कहा जिनकी वजह से आज दोनों यहां तक पहुंचे हैं.दोनों बच्चों के पेरेंट्स बच्चों के इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन को लेकर तैयार नहीं थे. उनका कहना था कि बच्चे दुकानों में काम कर रहे हैं और कमाई कर रहे हैं.

अब वे इनकी शादी करने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन, उड़ान संस्था ने अपने प्रयासों से दोनों बच्चों की जिंदगी बदल दी.दोनों बच्चों की पढ़ाई में 10 लाख रुपये प्रति छात्र का खर्च था. लेकिन, उड़ान ने इसके लिए प्रायोजक की व्यवस्था की. उन्हें कोचिंग भी कराई जा रही है ताकि उन्हें इंग्लिश की दिक्कत न हो. मनीष का एडमिशन ग्रेटर नोएडा के शारदा इंजीनियरिंग कॉलेज और रोहन का गुड़गांव के वर्ल्ड कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में हुआ है.

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