कुछ समय पहले हमारे देश के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओ से आत्मनिर्भर बनने की गुज़ारिश करी थी। अब कुछ ऐसा ही बयान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत की तरफ से भी सामने आया है। सभी जानते है इन दिनों राजस्थान में युवा धरना दे रहे है सरकारी नौकरियों के लिए।



इस पूरे मामले पर हम अपने कुछ व्यक्तिगत विचार सामने रखना चाहेंगे। आप सभी जानते है की इस 130 करोड़ के देश में ये संभव ही नहीं है कि सभी युवाओ को सरकारी नौकरी देदी जाये। यही बात राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत का कहना है। और अगर अब यह वास्तविक रूप से सोच कर देखे तो ये वाकई में एक बहुत बड़ा सच है।



अब ऐसे में देश भर का युवा इस भरोसे बैठा रहेगा कि सरकार उसे नौकरी देगी तब उसके जीवन में तरक्की होगी और तब वह आगे कुछ करेगा, तो यकीन मानिये यह एक ऐसा रास्ता है जो ज्यादातर लोगो के लिए निराशा ही लेकर आएगा। अगर आप वाकई में अपने जीवन में कुछ करना चाहते है, अपने आस पास की दुनिया को बदलना चाहते है तो आपको अपने स्वयं के प्रयत्नों से कुछ ऐसा करना होगा जिसमे आपको सरकार से सहयोग तो मिले लेकिन आप पूरी तरह से सरकार पर आश्रित न हो।



जो भी सरकारी कर्मचारी होते है वह पूरी तरह से सरकार पर आश्रित हो जाते है। इसका मतलब है कि वह अपना कुछ खुद का प्रोडक्टिव नहीं करते है, लेकिन अगर आप वाकई में आत्मनिर्भर बनते है खुद ऐसा कुछ प्रोडक्टिव करते है जो न सिर्फ आपके लिए कमाई का जरिया बने बल्कि आस पास के लोगो के लिए भी रोज़गार का मौका बनाये। तो अपने आप में ऐसे में एक बहुत बड़ा योगदान दे रहे होंगे इस देश कि अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में।

अब यह बात को तेह आपको करना है कि आप अपनी सोच सोच को कहा लेजाना चाहते है। क्या आप सिर्फ इस बात का सपना देखते है कि आप पूरी तरह से सरकार पर निर्भर हो ? और वही से आपको आपकी आंदनी मिले, या फिर आप अपनी खुद कि मेहनत से, खुद की सोच से खुद की ताकत से कुछ ऐसा करना चाहते है।

जैसे कहते हैना बंजर में पेड़ उगाने वाली बात, जहा पर आप अपनी खुद की कोशिश से कुछ करे। ज़रूरी यह होता है कि इसमें आप सरकार से सहयोग ले। अगर आप कोई नया व्यवसाय या कोई न्य व्यापार शुरू करना चाहते है। आप कोई लोन ले, या कही से उधार ले, कही से कुछ सरकारी मदद ले तो वो एक नयी और बड़ी सोच होगी।

लेकिन आज आपको एक हकीकत यह समझनी होगी, कि हो सकता है की आपके माता-पिता, दादा-दादी या आपकी पुराणी पिछली पीढ़ियों के लोग है वो आपको बताते रहे हो कि सरकारी नौकरी मिलजाए तो जीवन सफल हो जाता है। लेकिन दोस्तों उस वक़्त इस देश कि आबादी इतनी ज्यादा नहीं थी।

आज इस देश कि आबादी 130 करोड़ है, लेकिन क्या इस आबादी के हिसाब से उतनी नयी नौकरिया बढ़ी है ? जी नहीं, क्या उतने नए विभाग बढे है ? जी नहीं। तो ऐसे में सोचना आपको होगा कि आप किसी ऐसे आने वाले कल के इंतज़ार में बैठना चाहते है जो कभी आएगा ही नहीं तो यह आपको तय करना है। लेकिन अगर आप युवा है तो आपका एक एक पल, एक एक घंटा, एक एक

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