इंटरनेट डेस्क। हाल ही में उत्तर प्रदेश की एक यूनिवर्सिटी ऐसा मामला सामने अाया है, जिसे सुनने बाद आपको अजीब लग सकता है। जी हां, यहां मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी ने छात्राओं को लेकर एक ऐसा फरमान जारी किया है।

जिसमें छात्राओं को मुंह ढकने के लिए स्कार्फ या दुपट्टे का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगी, विश्वविद्यालय ने यह फैसला अवांछित तत्वों को कैंपस में प्रवेश से रोकने के लिए लिया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्राओं के स्कार्फ़ पहनने पर रोक लगा दी है, अब यूनिवर्सिटी की छात्राएं चेहरा ढकने के लिए स्कार्फ़ या टुपट्टे का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगी।

इस फरमान पर प्रशासन का कहना है कि इससे अवांछित और असामाजिक तत्वों के विश्वविद्यालय में प्रवेश करने पर रोक लगेगी।हालांकि, इस फरमान के बाद अलोचना होनी शुरू हो गई है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब किसी विश्वविद्यालय ने महिलाओं के स्कार्फ पहनने पर रोक लगाई है। जानकारी के अनुसार बताया गया कि यह एक आवश्यक कदम है क्योंकि कॉलेज में अवांछित लोगों के प्रवेश से माहौल खराब हो रहा था।वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कॉलेज प्रशासन का दावा है कि पहले कुछ अनजान लोग कॉलेज परिसर में पकड़े गए थे। पकड़े गए लोगों से जब पूछा गया कि अपना आईडी कार्ड दिखाए तो वह दिखा ही नही पाए।

स्कार्फ़ या टुपट्टा लगाकर आने वाली छात्राओं के बारे में यह पता लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है कि वे कॉलेज छात्रा हैं या फिर बाहरी, जिसके कारण माहौल खराब हो रहा था। इसे देखते हुए यह कदम उठाना पड़ा है। इस कदम की पुष्टि विश्वविद्यालय की चीफ प्रॉक्टर अल्का चौधरी ने इस की है। अल्का चौधरी ने कहा कि कैंपस में बड़ी तादाद में बाहरी लड़कियों को घूमते हुए देखा गया। फिलहाल चेतावनी देकर छोड़ दिया जा रहा है, लेकिन यदि इस तरह की घटनाएं बढ़ीं तो पुलिस को इसकी सूचना दी जाएगी।

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