काउंसलर से जानें इंग्लिश से एमए करने के बाद कहां है संभावनाएं
इंग्लिश विषय में डिग्री लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए अमेरिकी और यूरोपीय देशों में जॉब के अवसर हमेशा ही रहे हैं, खासतौर से जब आउटसोर्सिंग जॉब्स मार्केट का ट्रेंड बन चुके हैं। इसके अलावा भारतीय अर्थव्यवस्था में आई तेजी ने देश में विदेशी व्यापार को बढ़ाया है जिससे इंग्लिश ग्रेजुएट्स की मांग बढ़ी है। अगर आप भी इंग्लिश में एमए करने के बाद जॉब करना चाहते हैं तो आपके लिए एकेडमिक्स के अलावा पब्लिशिंग और परफॉर्मिंग आर्ट्स जैसे क्षेत्रों में अवसरों की कोई कमी नहीं होगी।
बनें कंटेंट राइटर या डिकोडर - एक इंग्लिश ग्रेजुएट के तौर पर आप मीडिया हाउसेज, रिसर्च इंस्टीट्यूट्स, इंडस्ट्रियल हाउसेज और विदेश मंत्रालय व विदेशी दूतावासों जैसी सरकारी एजेंसियों में इंटरप्रिंटर या ट्रांसलेटर के तौर पर करियर की शुरुआत कर सकते हैं।
- टूर और ट्रैवल एजेंसियों में बतौर टूरिस्ट गाइड भी काम कर सकते हैं या अपनी ट्रैवल एजेंसी स्थापित कर सकते हैं। ऑनलाइन कंटेंट राइटर्स, टेक्निकल ट्रांसलेटर और डिकोडर्स की जॉब के लिए यह लैंग्वेज आपको तैयार करती है। इसके अलावा आप एंटरटेनमेंट, पब्लिक रिलेशन, मास कम्यूनिकेशन, बीपीओ और केपीओ में उपलब्ध ढेरों अवसरों में किसी एक को चुन सकते हैं।
फुल टाइम व फ्रीलांस का भी मौका
- इंग्लिश में पीजी के बाद आप स्कूल ही नहीं कॉलेज और यूनिवर्सिटी में भी शिक्षण का काम कर सकते हैं।
- प्राइवेट ट्यूटोरियल्स और कोचिंग के जरिए भी टीचिंग कर सकते हैं।
- अगर लेखन में आपकी रुचि है और कम्यूनिकेशन स्किल्स मजबूत हैं तो जर्नलिज्म और मास कम्यूनिकेशन भी आपके लिए अच्छा फील्ड साबित हो सकता है।
- इंग्लिश लैंग्वेज ट्रेनिंग भारत का एक बड़ा और उभरता क्षेत्र है जहां आपको फुल टाइम के साथ फ्रीलांस के भी अवसर मिलते हैं।
कई और भी हैं संभावनाएं - कॉर्पोरेट ट्रेनिंग, साइकोलॉजी, लॉ, बीजेएमसी, मैनेजमेंट, टूरिज्म एडमिनिस्ट्रेशन, इंटरनेशनल रिलेशन्स, लिंग्विस्टिक्स, कम्यूनिकेशन मैनेजमेंट, फिल्म एडिटिंग एंड डायरेक्शन, विजुअल कम्यूनिकेशन, लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस और ड्रामा व सिनेमा जैसे क्रिएटिव फील्ड्स में इंग्लिश से जुड़े कई तरह के ऑप्शन्स उपलब्ध हैं।