देश के सबसे बड़े एंट्रेस एग्जाम में सरकार बड़े बदलाव करने जा रही है जिसके अनुसार इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेस टेस्ट जैसे जेईई और एनईईटी-यूजी के साथ-साथ यूजीसी-नेट जैसी परीक्षाओं के पैटर्न में अगले साल से बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। ये बदलाव साल 2019 से होने वाली परीक्षाओं में किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि आने वाले साल में इन प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में हर एक उम्मीदवार के लिए अलग से पेपर आएगा और अलग-अलग तारीखों पर वो पेपर दे सकते हैं।

जेईई एग्जाम एक साल में दो बार संचालित किया जाएगा-

हाल ही में, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने घोषणा की थी कि जॉइंट एंट्रेस एग्जाम (जेईई) और राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) अब नए तरीके से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ऑनलाइन आयोजित करवाएगी और साल में दो बार आयोजित करवाए जाएंगे।

नए तकनीकी उपकरणों की मदद से परीक्षा ली जाएगी-

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी आने वाले समय में परीक्षा में नए तकनीकों को शामिल करने जा रही है। परीक्षा कंप्यूटर आधारित अनुकूली परीक्षण जैसे तकनीकी उपकरण शामिल करने की योजना बना रही है।

आधिकारियों के अनुसार, किसी विशेष परीक्षा के लिए पेपर रखने की पिछली व्यवस्था के विपरीत, सॉफ्टवेयर के एल्गोरिदम प्रत्येक छात्र के लिए पेपर सेट किए जाएंगे।

छात्र परीक्षा देने की तारीख खुद चुन सकते हैं-

एक अन्य निर्णय, जो कि देश के छात्रों को बड़ी राहत देने वाला है जिसके अनुसार छात्र अपनी परीक्षा देने के लिए अपने अनुसार तारीख चुन सकता है। यदि तारीख किसी उम्मीदवार के अनुरूप नहीं है, तो वह एक और तारीख (किसी दिए गए सेट से) चुनने के लिए स्वतंत्र होगा। इसके अलावा, अगर कोई छात्र स्कोर से नाखुश है, तो वह तीन महीनों के बाद फिर से परीक्षा दे सकता है।

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