आपका बच्चा किताबें पढ़ने से मन चुराता है तो एक बार य़े आइडिया अपनाकर देखें
इंटरनेट डेस्क। अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) स्कूली बच्चों के बीच सीखने की आदत को सुधारने के लिए एक बहुत ही शानदार तरीका लेकर सामने आया है, उनका ये मानना है कि इस तरीके के आने के बाद बच्चों में सीखने की प्रवृति को बढ़ाया जा सकेगा। एएमसी ने कुछ दिनों पहले 'डोनेट बुक्स' अभियान आयोजित किया था जिसमें लगभग 1.65 लाख किताबें एकत्र की गई थीं।
अब एएमसी का कहना है कि सितंबर से हर महीने हर छात्र एक किताब दी जाएगी और बच्चे को किताब एक महीने के भीतर पढ़नी होगी और फिर उस पर एक सारांश लिखकर स्कूल में सबसे सामने पढ़कर उसे सुनाना होगा।
अभियान में जो किताबें डोनेट की गई हैं वो चार अलग-अलग श्रेणियों की जैसे क्लास 1 से लेकर क्लास 8 तक की किताबें हैं।
वहीं निगम ने स्कूल के टीचरों के लिए भी हर महीने एक किताब पढ़ना अनिवार्य बना दिया है लेकिन टीचरों को असेंबली में या स्कूल के सामने उस किताब का सारांश पढ़कर नहीं सुनाना होगा।
बीते 25 जून को एएमसी स्कूल बोर्ड प्रशासनिक अधिकारी (एओ) द्वारा जारी एक लेटर में लिखा गया था कि इस अभियान को सफलता से लागू करने के लिए सभी स्कूलों के टीचरों को निर्देश भी दिए गए हैं।
इस अभियान का उद्देश्य है कि एक अकादमिक ईयर में कम से कम 12 किताबें बच्चों पढ़ें। इसके अलावा इस अभियान में टीचरों से छात्रों को और अधिक पढ़ने के लिए प्रेरित करने के लिए भी कहा गया है जिससे प्रतियोगिताओं और गतिविधियों में जाने की उनकी रूचि बढ़ें।
अब देखना ये होगा कि स्कूल लेवल पर इस प्रोग्राम को किस तरह से लागू किया जाएगा और इसके जरिए छात्र कितना सीख पांएंगे।