जब किसी सरकारी नौकरी की बात आती है तो हमारे सामने बड़े से लेकर छोटे तक कई विकल्प सामने रहते हैं। हमें किसी भी सरकारी नौकरी के लिए उतनी ही मेहनत करनी होगी जितना कि किसी अन्य परीक्षा के लिए करनी होती है। आज हम आपके लिए एक ऐसी नौकरी के बारे में सारी जानकारी लेकर आएं हैं जिसके बारे में शायद आज का युवा बहुत ही कम सोचता होगा।

जी हां, आज हम बात करेंगे बस कंडक्टर की, कैसे बना जाता है बस कंडक्टर, क्या मिलती है इस सरकारी नौकरी के लिए सैलरी, आइए जानते हैं सबकुछ।

बस कंडक्टर की कई जिम्मेदारियां होती हैं, जिनमें किराया लेना, टिकट जारी करना, सामान रखने वाले यात्रियों की सहायता करना, गंतव्यों पर जाने के लिए सलाह देना और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल होता है।


उदाहरण के लिए कुछ पेपरवर्क भी शामिल होते हैं जिनमें किराया रिकॉर्ड करना, टाइम टेबल का ध्यान रखना, और पैसे की गिनती करना।

कितने घंटे काम करना होता है?

बस कंडक्टर की नौकरी के दौरान आपके काम करने के घंटे अनियमित हो सकते हैं और इसमें कुछ सप्ताहांत या कई शिफ्टों में काम करना शामिल हो सकता है। बस कंडक्टर और ड्राइवर के काम की अलग-अलग भूमिकाएं तय होती है।

क्या स्किल होनी चाहिए ?

एक बस कंडक्टर होने के लिए, आपके अंदर ये स्किल होनी चाहिए।

समयबद्ध होना और स्मार्ट होना जरूरी है।

शारीरिक रूप से फिट होना चाहिए।

संख्यात्मक स्किल तेज होनी चाहिए और जल्दी और सटीक गणना करने में माहिर होनी चाहिए।

कैसे होती है एंट्री?

बस कंडक्टर के रूप में काम शुरू करने के लिए आवश्यक न्यूनतम योग्यताएं नहीं हैं, हालांकि, कई कंपनियां इसके लिए एडमिशन परीक्षा कराती है। सभी कंपनियों को आवेदकों को फिट और स्वस्थ होने और मेडिकल पास करने के बाद आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा ड्राइविंग लाइसेंस (या ड्राइव करने के लिए सीखना), स्थानीय क्षेत्र के लोगों से जान-पहचान होनी जरूरी है। एडमिशन के लिए आमतौर पर 18 से 50 साल की उम्र होनी चाहिए।

ट्रेनिंग-

बस कंडक्टर के लिए ट्रेनिंग कंपनियों के अनुसार होता है और आवेदक के पिछले अनुभव पर निर्भर हो सकता है। ट्रेनिंग की सामान्य अवधि दो से चार सप्ताह की होती है।

सैलरी-

सरकारी बस कंडक्टर की सैलरी हर साल बदलती रहती है। अगर हम लंदन की बात करें तो वहां एक बस कंडक्टर के लिए औसत सैलरी £ 16,000 हर साल दी जाती है।

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