Muslim देश तुर्की के 50 नोजवान बने हाफिज-ए-क़ुरान
तुर्की के 50 नोजवानो ने क़ुरान शरीफ का हिफ़्ज़ मुकम्मल किया माशा अल्लाह इन सभी को खुदा कामियाबी दे जितने भी लोगो को ये खबर पता चल रही है सभी बधाइयां दे रहे है और मुबारकबाद दी रहे है
यह भी जरूर पढ़ें गा’जियों की सरजमीं तु’र्की में अबतक एक से एक नायाब करिश्मे देखने को मिल रहे है । आलम इ’स्लाम इसको बड़े गर्व और उम्मीद के साथ देख रहा है । अभी हाल ही में हुलसी_अकार तु’र्की के वर्तमान र’क्षा मंत्री हैं उनकी की बेटी आ’यशा जो महज 15 वर्ष की हैं उन्होंने इतनी कम आयु में पवित्र कु’रान श’रीफ का हि’फ़्ज़ मु’कम्म’ल कर लिया अब वो की हा’फ़ि’जा बन गई। दुनियां भर से उनके पिता को बधाईयां मिल रही हैं । क्योंकि उन्होंने अभी तक बेटी की दी’नी सर’परस्ती में उन्होंने और उनके परिवार ने कोई कमी नही छो’ड़ी है । तु’र्की राष्ट्रपति तै’य्यब एर्दो’गान ने भी उनको बधाई और दु’आ’ओ से नवाजा ।
Yesterday's graduation ceremony was held 50 youngsters who completed their memorization of the holy Quran in Turkey Mashaallah When someone read aloud durood sharif this is the identity of Ahele sunnah wal jamaah
कल तुर्की में 50 हाफिजे कुरआन फारिग हुए माशाअल्लाह ???????????? pic.twitter.com/oSv7qIWmQY — ???????????????? ???????????????????????? ???????????????????? (@ShaikhMateen313) September 19, 2021
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नई दुनियां : तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने एक ना’बीना (अंधी) लड़की से मुलाकात की और उसकी हौसला अफजा’ही भी की है। इस बच्ची का इतनी कम उम्र में कुरान हिफ़्ज़ करना बेहद ही काबिले तारीफ है। बता दे कि एर्दोगान ने अपने ऑफिस में इससे और लड़की के पूरे परिवार से मुलाकात की। इसे सम्म्मनि’त भी किया गया है। और तोहफ़े वजीफो की सौगात भी अता की गई । यँहा आप को बता दें कि तुर्की राष्ट्रपति तैय्यब एर्दोगान खुद भी एक हा’फिज कु’रान है और बहुत अच्छे का’री भी हैं जो एक अच्छी किरत करने में माहिर हैं ।
तोहफों के साथ ही एर्दोगान ने तारीफ करते हुए कहा है कि अल्ला’ह ने इस बच्ची को इतनी ज्यादा ताकत दी है कि इसने कम उम्र में कुरा’न श’रीफ हि’फ़्ज़ किया है। यह बेहद ही काबिले तारीफ है। हमे अ’ल्ला’ह का शुक्र अदा करना चाहिए। और हम हमेशा शुक्र करते रहेंगे ।
हम सब जानते हैं कि कुरा’न शरी’फ इ’स्लाम की एक पा’क कि’ताब है। कुरा’न श’रीफ हर मो’मिन को पढ़ने का शोक भी होता है और ये शोक रखना भी चाहिए जो भी कोई शख्स इसे याद भी करता है । उसे कुरा’न का हा’फिज कहा जाता है। जिस उम्र में हम पढ़ने लिखने का शोक नही रखते है उस उम्र के तु’र्की की एक एक ना’बी’ना लड़की ने कुरा’न हि’फ़्ज़ किया है। तुर्की के रा’ष्ट्रपति समेत उसे कई लोग ‘मुबा’रकबाद दे रहे है।