चाणक्य ने अपनी नीतियों में हम उम्र के व्यक्तियों को जीवन में सफल होने के लिए उपदेश दिए हैं। जिन्हे ध्यान में रख कर कई तरह की उपलब्धियों को हासिल किया जा सकता है। युवा देश की संस्कृति और धरोहरों के रक्षक होते हैं। तो आइये जानते हैं कि युवाओं को सफल होने के लिए किन बातों से परहेज करना चाहिए।

कामवासना : देश के युवा को कामवासना से दूर रहना चाहिए। कामवासना में उलझ कर युवा कुछ नहीं कर पाते हैं और उन लक्ष्यों को हासिल करने से चूक जाते हैं जो उन्हें निर्धारित किए हैं।

क्रोध : क्रोध इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है। इसलिए सभी उम्र के व्यक्तियों को क्रोध से दूर रहना चाहिए। खासकर युवाओं को क्रोध से दूर रहना चाहिए। क्योकिं क्रोध में वे ऐसे फैसले भी ले बैठते हैं जिनके लिए उनको बाद में पछताना पड़ता है।

लालच : युवाओं को भूल कर भी लालच नहीं करना चाहिए। लालच करने से इंसान जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर सकता है। इसलिए हमेशा लालच करने से बचें।

स्वाद : चाणक्य कहते हैं युवा छात्र को स्वादिष्ट भोजन की लालसा छोड़ देना चाहिए उन्हें स्वास्थ्यवर्धक भोजन करना चाहिए।

श्रृंगार : इसे आज की भाषा में हम फैशन कह सकते हैं। आज के युवा फैशन पर सबसे अधिक ध्यान दिए हैं और फैशन पर ध्यान देने से उनका ध्यान दूसरी सभी चीजों से हट जाता है।

मनोरंजन : हालाकिं मनोरंजन बहुत जरूरी है लेकिन जरूरत से ज्यादा मनोरंजन नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए आवयश्कता के अनुसार ही मनोरंजन करें।

नींद : नींद जितनी जरूरी हो उतनी ही लेनी चाहिए।

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