हम सभी जानते हैं कि तकनीक के इन दौर में आज हर काम हमारा कोई भी काम बिना तकनीक के संभव नहीं है। आज सारे काम तकनीक आधारित हैं और किसी ना किसी संसाधन की मदद से होते हैं। तकनीक के इस दौर में आज हम आपको बताएंगे एक मशीन के बारे में जो रोज हमारे काम तो आती है लेकिन इसके बारे में हम बहुत ही कम जानते हैं।

जी हां, हम बात कर रहे हैं लिफ्ट की, लिफ्ट एक ऐसा साधन है जो किसी भी बहुमंजिला इमारतों में जाने के लिए हमारे जाने के रास्ते को सुगम बनाती है। लेकिन अगर आप रोज लिफ्ट का उपयोग करते हैं तो एक चीज पर आपकी नजर जरूर पड़ी होगी, वो है लिफ्ट में लगा शीशा, जी हां, हर लिफ्ट में एक शीशा लगा होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि लिफ्ट में ये इतना बड़ा शीशा क्यों लगाया जाता है।

ये शीशा हम रोज देखते हैं लेकिन इस बात पर हम बहुत ही कम ध्यान दे पाते हैं कि ये शीशा क्यों लगा हुआ होता है, तो चलिए आज हम आपको इसके पीछे का कारण बताते हैं।

लिफ्ट के अंदर शीशा क्‍यों लगा हुआ होता है?

दरअसल इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमें थोड़ा इतिहास में पीछे जाना होगा। लिफ्ट के हमारे सामने आने के बाद से ही इसमें समय के साथ तेजी से कई तरह के बदलाव हुए हैं।

लिफ्ट का जब आविष्कार हुआ था तब से इसमें केवल एक या दो लोग ही सफर कर पाते थे और उस समय हमारी तकनीक भी इतनी एडवांस नहीं थी।

इसके आविष्‍कार को तो सभी ने अच्छा माना लेकिन उस समय लोगों की एक शिकायत रहती थी कि लिफ्ट की स्पीड बहुत ही कम है। लोगों ने लिफ्ट बनाने वाली कंपनी को भी इसकी स्पीड को बढ़ाने के लिए कहा लेकिन कंपनी को ये मांग सही नही लगी।

लिफ्ट की स्पीड तेज करने के अलावा कंपनी को कुछ और आइडिया आया तब उन्‍होंने कहा कि इसकी स्पीड बढ़ाने की बजाय इसके अंदर एक शीशा लगा सकते हैं जिससे कि लोगों का ध्यान स्पीड की ओर नहीं जाएगा।

लोग खुद को देखने के लिए शीशे में बिजी हो जाएंगे और इतने समय में वो अपनी मंजिल तक भी पहुंच जाएंग। इसके बाद कंपनी ने इसका एक ट्रायल किया लेकिन कुछ ही समय में ये इतना सफल हुआ कि इसको बाद में लागू कर दिया गया। तब से लेकर आज तक हर कंपनी लिफ्ट बनाने या लगाने के साथ उसमें शीशा साथ में लगा रही है।

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