आज से कुछ समय पहले डिस्टेंस एजुकेशन को लेकर लोगों की सोच कुछ विपरीत थी। लेकिन आज के जमाने में एजुकेशन, करियर और रोजगार एक-दूसरे से करीब से जुड़े हैं। ऐसे में हायर एजुकेशन के प्रति युवाओं का रुझान बढ़ रहा है। अपने करियर ग्राफ को आगे ले जाना है, तो क्वालिफिकेशन भी बढ़ाना होगा। कमाते हुए रेग्युलर क्लासेज करना मुश्किल होता है। इसीलिए ऐसी जरूरतों को ध्यान में रखकर वैकल्पिक एजुकेशन की व्यवस्था की गई है। आज विभिन्न कॉलेजो से पढ़ाई और साथ-साथ कमाई जारी रखे जा सकते हैं।

अगर आप किसी कारणों से नियमित कॉलेज नहीं जा सकें हो तो डिस्टेंस एजुकेशन एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। देखा जाए तो आज डिस्टेंस एजुकेशन काफी पॉपुलर हो रहा है। वक्त के साथ डिस्टेंस एजुकेशन का महत्व बढ़ता जा रहा है। भारत में अन्य देशो की अपेक्षा उच्च शिक्षित लोग काफी न्यनतम है, जबकि अन्य विकसित देशो में उच्च शिक्षा का स्तर काफी ऊपर है। आपने देखा होगा की युवा 10 या 12वी के बाद ही करियर की दिशा चुन लेते हैं। जो युवा कमाई के लिए एजुकेशन भी पूरी करने के लिए डिस्टेंस एजुकेशन का सहारा लेते हैं। क्योकि इस के लिए विद्यार्थी को नियमित तौर पर किसी संस्थान में जाकर पढ़ाई करने की जरूरत नहीं होती है।

आजकल डिस्टेंस एजुकेशन के द्वारा विद्यार्थी ग्रेजुएट, एमफिल, पीएचडी, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट आदि सभी कोर्स कर सकते हैं। डिस्टेंस एजुकेशन का तरीका बेहद सुविधाजनक होता है, इसलिए इसमें अपनी सुविधानुसार पढ़ाई की जा सकती है। डिस्टेंस एजुकेशन की डिग्री भी रेगुलर के बराबर मान्य होती है। ऐसे में डिस्टेंस लर्निंग से डिग्री लेने वाले युवा आसानी से हायर एजुकेशन की तरफ बढ़ सकते हैं। डिस्टेंस लर्निंग सेंटर्स का दायरा दिन-ब- दिन बढ़ता जा रहा है। इसकी लोकप्रियता का एक कारण यह भी है कि इसकी पहुंच न केवल आज छोटे शहरों में है, बल्कि इस माध्यम से पढ़ई करना भी काफी सस्ता होता है।

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