एजुकेशन का नाम आते ही सबसे पहला नाम भीमराव आंबेडकर का आता है। वे काफी विद्वान थे और उनके पास एक नहीं बल्कि कई डिग्रियां थी। वे एक जुरिस्ट, पॉलिटिशियन, इकोनॉमिस्ट से लेकर सोशल रिफॉर्मर भी माने जाते थे। समाज में असमानता को दूर करने के लिए भी उन्होंने कई योगदान दिए हैं। आज हम उनके बारे में ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो स्टूडेंट्स को मोटिवेट कर देगी।

आंबेडकर को 9 तरह की भाषा आती थी-
डॉ. आंबेडकर 9 तरह की भाषाएँ जानते हैं। उन्होंने कई यूनिवर्सिटीज से पीएचडी से लेकर कई तरह की बड़ी-बड़ी उपाधियां ली। विदेश से भी उन्होंने कई तरह की डिग्रियां हासिल की थी।

32 तरह की डिग्रियां
आंबेडकर के पास लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई, कोलंबिया यूनिवर्सिटी जैसे इंस्टिट्यूट से डिग्रियाँ ली। वे इकोनॉमिक्स में विदेश से डॉक्टोरेट करने वाले फर्स्ट इंडियन भी थे।

आंबेडकर ने स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद बी.ए., एम.ए., पी.एच.डी. से लेकर एम.एस.सी. तक सारे कोर्स किए और बेरिस्ट्री में भी महारथ हासिल की। इतनी डिग्रियां हासिल करना कोई छोटी बात नहीं है। इसके लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत होती है।

विदेश में पढ़ने वाले और इकॉनोमिक्स पढ़ने वाले वो उस समय पहले भारतीय थे। हमारा संविधान भी भीमराव आंबेडकर ने ही लिखा है और उन्होंने कई किताबे भी लिखी है।

स्टूडेंट्स को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने जीवन में उनसे प्रेरणा लेकर ही आगे बढ़ना चाहिए।

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