आईआईटी के ये फैक्ट्स नहीं जानते हों तो इंजीनियरिंग के 4 साल कर दिए बर्बाद
एक बार जब कोई आईआईटी में एडमिशन ले लेता हैं तो वो ऐसे समझता है कि पूरी दुनिया अब उसके कदमों में आ गई है। आईआईटी की लाइफ के बारे में कई तरह की मजेदार बातें सुनने को मिलती है जिनसे ये पता चलता है कि यहां कि लाइफ वाकई में बहुत ही मजेदार होती है। आईआईटी में जाने के बाद कुछ तो सही में इंजीनियर बनकर निकलते हैं तो कुछ और ही बनकर निकलते हैं।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं आईआईटी के बारे में कुछ ऐसे फैक्ट्स जिनको जानकर आपको यकीन नहीं होगा कि आईआईटी की लाइफ इतनी भी शानदार हो सकती है। चलिए जानते हैं।
आईआईटी कॉलेज में शुरू होने वाला पहला बैच सिर्फ लड़कों का ही था और साल 1981 में जब भारतीय इतिहास में पहली बार आईआईटी से एक लड़की ग्रेजुएट हुई तब से ये दौर शुरू हुआ। इसी के साथ उसी साल आईआईटी बॉम्बे में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पहली बार किसी एक लड़की ने एडमिशन लिया था।
आईआईटी दिल्ली में डोगरा हॉल की छत को एक हाइपरबॉलिक पैराबोलॉइड शेप की तरह ही बनाया गया है जो कि केवल सिरों से स्पोर्ट पर टिकी हुई है। डिजाइन के कारण, ये इमारत एक जहाज की तरह दिखती है।
आईआईटी रुड़की के बारे में ये फैक्ट बड़ा ही मजेदार है। ऐसा कहा जाता है कि इस कैंपस में भारत में सबसे ज्यादा इंटरनेट की स्पीड आती है जो कि इंटरनेट में भारत की औसत स्पीड से भी लगभग 6 गुना है।
आईआईटी खड़गपुर में एक स्टाफ क्वार्टर है जो इस कारण से फेमस हैं कि इसका नाम 'बम हाउस' है। कहा जाता है कि विश्व युद्ध के दौरान, अंग्रेज वहां बम स्टोर करते थे।
आईआईटी दिल्ली के कुछ पूर्व छात्रों में किरण बेदी, चेतन भगत, सचिन बंसल और बिन्नी बंसल शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि फ्लिपकार्ट के सचिन और बिन्नी बंसल हर साल आईआईटी से ही इंजीनियरों को उनकी कंपनी में काम करने के लिए लेकर जाते हैं।
आईआईटी मद्रास के पास किसी भी आईआईटी के बजाय सबसे ज्यादा छात्र हैं। इसमें एक समय पर 8,000 छात्रों में से 6,380 से अधिक को नियमित रूप से उपस्थित पाया गया है। जो भारत में किसी भी कॉलेज की आबादी का सबसे बड़ा प्रतिशत है।