देश के मिलिट्री और आर्मी स्कूलों की बात करें तो ये स्कूल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा ही चलाए जाते हैं। दूसरी ओर नेशनल आर्मी स्कूल रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित किए जाते हैं। सेना के सार्वजानिक स्कूलों को सेना के कल्याण शिक्षा समाज के माध्यम से संचालित किया जाता है। इन स्कूलों में आर्मी से जुड़े लोगों के बच्चों को प्राथमिकता मिलती है और आम नागरिकों के बच्चों को भी यहां एडमिशन मिल जाता है।

मेडिकल सुविधा और सीएसडी कैंटीन सुविधा के साथ लगभग सभी कैडेटों को यहां कई तरह की सुविधाएं दी जाती है। ये स्कूल उनके लिए भी हैं जो आगे चल कर देश की रक्षा करना चाहते हैं और इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। आज हम बताने जा रहे हैं देश के टॉप 5 आर्मी स्कूलों के बारे में जिनमें एडमिशन लेकर आप देश की सेवा करने का सुनहरा मौका पा सकते हैं।

राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल, बैंगलोर

इस स्कूल की स्थापना 1946 में सशस्त्र बलों में काम करने वाले नागरिकों के बच्चों के लिए की गई थी। इस स्कूल का कैंपस बंगलौर, कर्नाटक में एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है । स्कूल 6th से लेकर 12th तक के बच्चों को एजुकेशन देता है। नेशनल डिफेन्स अकेडमी में एडमिशन की चाह रखने वाले बच्चों को भी आवेदन करने के तैयारी करवाना यहाँ का उद्देश्य है।

राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल, चैल

यह हिमाचल प्रदेश के चैल में बना एक आवासीय स्कूल है। दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट ग्राउंड भी यहाँ ही है और इसे कैडेटों के लिए एक प्रशिक्षण और खेल का मैदान के रूप में उपयोग किया जाता है। स्कूल में CBSC 10वीं और 12वीं क्लास के लिए कैडेट तैयार होते हैं।

राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल, धौलपुर

यह 1962 में बनाया गया था। यह राजस्थान के धौलपुर में 1500 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहाँ बहुत सी डिजिटल सुविधाएँ हैं जिनमे डिजिटल क्लास रूम, आधुनिक विज्ञान प्रयोगशाला, इंटरनेट कंप्यूटर लैब, खेल सुविधा, एक विशाल लाइब्रेरी और सभागार आदि शामिल है।

आर्मी पब्लिक स्कूल, धौला कुआं

यह दिल्ली में है और यहाँ डिफेंस में काम कर रहे कैंडिडेट्स के बच्चों को शिक्षा दी जाती है। स्कूल का कैंपस 33 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। जिसमे ऑडिटोरियम, तीन कैफेटेरिया,साइंस पार्क और लड़कों के लिए हॉस्टल शामिल है। इसके अलावा यहाँ 2 फुटबॉल मैदान, 2 टेनिस कोर्ट, 6 बास्केटबॉल कोर्ट,1 हॉकी फील्ड, 1 जिम, 2 वॉलीबॉल कोर्ट एक बैंक और बहुत कुछ है।

राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज, देहरादून

यह 1922 में बना था जो सबसे पुराने संस्थानों में एक है। यह एक बोर्डिंग स्कूल है। इंडिपेंडेंस के बाद यह रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन आया। सशस्त्र बलों में कार्यरत कर्मियों के बच्चों को यहाँ एडमिशन मिलता है।

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