बहुत से लोगों के मन में ये विचार आता है कि लोको पायलट बना जाए और इस क्षेत्र में अपना करियर बनाया जाए। सबका यही ख्वाब होता है कि ऐसा काम किया जाए जिस से कि दुनिया में उसका नाम हो। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप लोको पायलट कैसे बन सकते हैं। यदि आप लोको पायलट से परीचित नहीं हैं तो बता दें कि लोको पायलट का काम ट्रेन को चलाना होता है। आज हम आपको इसी बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

लोको पायलट कैसे बनते है

लोको पायलट एक भारतीय रेलवे का पद है जिसमे आवेदक को ट्रेन चलाना होता है और वो ट्रेन भारतीय रेलवे की होती है। आइए जानते हैं कि इसके लिए क्या योग्यता होती है और किन मापदंडों के आधार पर आप लोको पायलट बन सकते हैं।

लोको पायलट बनने के लिए शैक्षिक योग्यता

लोको पायलट बनने के लिए कैंडिडेट के पास 10वीं और 12वीं की डिग्री होना जरुरी है।

उसके बाद कैंडिडेट का ITI डिप्लोमा (2 साल) पास होना भी जरूरी है जो कि इलेक्ट्रिकल, मैकेनिक, ऑटोमोबाइल ट्रेड से होना जरुरी है। इन ट्रेड्स से यदि बैचलर इंजिनियर डिग्री भी आपके पास है तो आप Loco Pilot के लिए अप्लाई कर सकते है।

मेडिकल योग्यता

लोको पायलट बनने के लिए सबसे अहम रोल आँखों का होता है। इसलिए यदि आपकी आँखे पूरी तरह से स्वस्थ नहीं है तो आप लोको पायलट नहीं बन सकते हैं।

1.लिखित परीक्षा :

वेकेंसी निकलने पर कैंडिडेट को लिखित परीक्षा के लिए अप्लाई करना होता है। इसमें 120 सवाल पूछे जाते है जिनके लिए आपको 90 मिनट का समय मिलता है। आपको सिलेबस को जान लेने के बाद ही पढ़ाई करनी चाहिए।

रिटर्न एग्जाम पास कर लेने के बाद आपको और भी एग्जाम देने होंगे।

2. Presence of Mind:

इसमें आवेदक से ऐसे सवाल पूछे जाते है जो की सिर्फ अपने दिमाग से हल कर सकते है या ऐसे बोले की अपने दिमाग की परीक्षा इस टेस्ट में होता है।

3. मेडिकल टेस्ट

मेडिकल टेस्ट में आँखों का टेस्ट होता है। आँखों के देखने की श्रमता अच्छी होनी चाहिए। यदि आँखे मेडिकल निर्धारित मापदंडों के हिसाब से नहीं होती है तो कैंडिडेट का सेलेक्शन नहीं होता है।

तो अब आप समझ चुके होंगे कि लोको पायलट बनने का पूरा प्रोसेस क्या होता है।

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