आईएएस भारतीय प्रशासनिक सेवा की सबसे शीर्ष स्तर की जॉब मानी जाती है। यह सबसे प्रतिष्ठित पदों में से एक है और हर साल कई छात्र आईएएस बनने के लिए तैयारी करते हैं। इसमें कई महीनों की मेहनत लगती है। लेकिन आज हम आपको ऐसी टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे ध्यान में रख कर आप जल्द ही इस परीक्षा को क्लियर कर सकते हैं। बता दें कि कैंडिडेट्स का सेलेक्शन सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) के बाद होता है जो हर साल आयोजित होती है।

आईएएस क्या है?

भारतीय प्रशासनिक सेवा में चुने गए एक अधिकारी को कलेक्टर, आयुक्त, सार्वजनिक क्षेत्र में और इसके अलावा कैबिनेट सचिव, मुख्य सचिव इत्यादि जैसे पदों पर काम करने का मौका मिलता है।

कैसे बनें आईएएस ऑफिसर-

यूपीएससी सीएसई में 3 चरण होते हैं - प्रीलिम, मेन और इंटरव्यू। इसमें जो कैंडिडेट्स प्रिलिम को क्लियर करते हैं उन्हें मेन एग्जाम क्लियर करना होता है और इसके बाद इंटरव्यू राउंड होता है।

सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई)-

हर साल परीक्षा होती है और 24 सेवाओं के लिए लगभग 1000 उम्मीदवार चुने जाते हैं।

परीक्षा का पहला चरण यानि कि प्रीलिम्स जून में होता है जबकि दूसरा चरण, मेन (लिखित) अक्टूबर में कंडक्ट करवाया जाता है। दोनों राउंड क्लियर कर लेने पर कैंडिडेट्स का इंटरव्यू होता है।

आईएएस परीक्षा के लिए योग्यता

इसके लिए आवेदन करने के लिए कैंडिडेट्स के पास किसी भी विषय में ग्रेजुएशन डिग्री होना जरूरी है।

कितनी बार दे सकते हैं आईएएस परीक्षा

जनरल कैटेगिरी वाले कैंडिडेट्स 6 बार ये एग्जाम दे सकते हैं और ओबीसी कैंडिडेट्स के लिए प्रयासों की सीमा 9 है। अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति वर्ग के कैंडिडेट्स असीमित प्रयास कर सकते हैं।

क्या उम्र की सीमा है?

इस एग्जाम के लिए कैंडिडेट की न्यूनतम उम्र 21 साल है। जनरल कैटेगिरी के लिए 32 साल और ओबीसी के लिए 35 साल उम्र सीमा है।

IAS परीक्षा का सिलेबस और कैसे करें तैयारी

सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में 200 अंक (सामान्य अध्ययन पेपर I और सामान्य अध्ययन पेपर II) के दो पेपर होते हैं। लिखित परीक्षा (मुख्य) में 9 पेपर होते हैं लेकिन अंतिम योग्यता रैंकिंग के लिए केवल 7 पेपरों को ही माना जाता है।

कैसे करें तैयारी

तैयारी करने के लिए कैंडिडेट्स को करंट अफेयर पर ध्यान देना जरुरी है। आईएएस की आधिकारिक वेबसाइट से भी आप टॉपिक्स के बारे में पता लगा सकते हैं। सभी विषयों पर ध्यान दें और समय सारिणी के अनुसार पढ़ाई करें। परीक्षा के पैटर्न को समझने के लिए पिछले साल के पेपर्स और मॉक टेस्ट की मदद लें।

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