इंदिरा को छोड़ इस महिला से विवाह करना चाहते थे फिरोज गांधी!
तानाशाह इंदिरा गांधी एक ऐसी महिला थी जिनकी शख्सियत अपने आप में बेहद खास थी। उन्हें कोई भुला नहीं सकता है। इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के बीच के रिश्ते सार्वजानिक हैं और ऐसा कुछ नहीं है जिसके बारे में लोगों को पता ना हो। ये बात पहले भी सार्वजनकि थी कि दोनों एक दूसरे को पसंद नहीं करते। इन दोनों के बीच तनाव भी काफी अधिक था। इन दोनों ने प्रेम विवाह किया और शादी के एक साल बाद ही दोनों के बीच अनबन होने लगी। जिसमें सबसे बड़ी वजह थी फ़िरोज़ का गैर महिलाओं से सम्बन्ध था। उस समय फिरोज का संबंध एक कोंग्रेसी नेता की बेटी के साथ भी था जिसका नाम तारकेश्वरी सिन्हा था। लेकिन ये एक अकेली ऐसी महिला नहीं थी जिनका नाम फिरोज के साथ जुड़ा था। फिरोज का नाम पहले भी कई महिलाओं के साथ जुड़ चूका था।
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1942 में तमाम विरोध के बावजूद इंदिरा और फ़िरोज़ का विवाह हुआ। सभी इस रिश्ते के खिलाफ थे लेकिन इंदिरा की जिद के सामने जवाहर लाल नेहरू की एक ना चली और उन्होंने शादी के लिए हामी भरी। शादी के बाद से ही फ़िरोज़ का नाम कई महिलाओं के साथ जोड़ा जाने लगा।
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इंदिरा गांधी दिल्ली में रहती थीं, फ़िरोज़ लखनऊ में रहते थे। इन दोनों के बीच के रिश्ते ऐसे जरा भी नहीं थे जैसे कि एक पति पत्नी में होने चाहिए। फिरोज गांधी बेहद स्मार्ट थे और बोलते बहुत अच्छा थे। उनके तरफ महिलाऐं खींची चली जाती थी। नेहरू परिवार की भी एक लड़की के साथ जो नेशनल हेरल्ड में काम करती थी, उनके संबंधों की अफवाह उड़ी। ”उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ मुस्लिम मंत्री की बेटी के साथ भी फ़िरोज़ गांधी का नाम जुड़ा। फिरोज इंदिरा से अलग होकर उस लड़की के शादी के बंधन में बंधना चाहते थे। ये मामला बड़ी मुश्किल से सुलझा था।
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नेहरू कैबिनेट में एक मंत्री तारकेश्वरी सिन्हा से भी फिरोज गांधी के रिश्ते थे। जब ये बात इंदिरा के पिता पंडित नेहरु को पता चली तो उन्होंने फिरोज को चेतावनी दी लेकिन इसके बावजूद फिरोज गांधी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। उस समय इंदिरा का राजनीति में काफी नाम था और पिता नेहरू भी इसमें सक्रिय थे तो तारकेश्वरी सिन्हा को केबिनेट से हटाकर किसी राज्य का राज्यपाल बनाकर दिल्ली से चलता कर दिया गया।